देवास। क्ला व्योम फाउंडेशन, मध्यप्रदेश सरकार, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, नई दिल्ली और रंगाभास नाट्यशाला के संयुक्त प्रयास से प्रतिभा ग्लोबल स्कूल में रंगमंच और शिक्षा पर केंद्रित कार्यशाला आयोजित की जा रही है। इस कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों के व्यक्तित्व विकास, थिएटर गेम्स और बौद्धिक क्षमता को बढ़ावा देना है।
संस्कार रंग टोली, त्रिपुरा से स्नातक सावित्री मिश्रा इस कार्यशाला में बच्चों को ट्रेनिंग दे रही हैं। उन्होंने बुधवार को बच्चों को रंगमंच के विविध आयामों से परिचित करवाया और थिएटर गेम्स के माध्यम से संवाद कला, आत्मविश्वास और रचनात्मकता को निखारने पर जोर दिया। चित्रकला में भी बच्चों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
रंगमंच से संस्कारों की शिक्षा आवश्यक-
सत्र के दौरान सावित्री मिश्रा ने कहा, “रंगमंच केवल अभिनय का माध्यम नहीं है, बल्कि यह जीवन के मूल्यों को आत्मसात करने का जरिया भी है। विद्यालयों में संस्कारों की शिक्षा देना अति आवश्यक है और रंगमंच इस दिशा में सबसे प्रभावी साधन है। यह बच्चों के आत्मविश्वास, संप्रेषण क्षमता और मानसिक विकास को नई दिशा देता है।”
कार्यशाला में कक्षा 4 से 9 तक के बच्चे हिस्सा ले रहे हैं और थिएटर के अनोखे अभ्यासों के जरिए अपने व्यक्तित्व को निखारने का अनुभव प्राप्त कर रहे हैं।
इस पहल से देवास में रंगमंच को शिक्षा से जोड़ने की एक नई शुरुआत हुई है, जिससे बच्चों में न केवल कला के प्रति रुचि जगेगी, बल्कि उनका समग्र विकास भी होगा।