धर्म-अध्यात्म

आचार्य विद्यासागरजी की स्मृति में गौसेवा

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– जैन मिलन देवास ने किया अनुकरणीय कार्य

देवास। दिगंबर जैन समाज के महान संत आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के प्रथम समाधि दिवस पर जैन मिलन देवास एवं महिला मिलन देवास के सदस्यों ने गौसेवा का पुनीत कार्य किया। इस अवसर पर भोलेनाथ मंदिर गौशाला में जाकर 2 क्विंटल हरा चना, 1 क्विंटल हरा चारा, गुड़ और रोटी गायों को अर्पित की गई।

भारतीय जैन मिलन के राष्ट्रीय संयुक्त मंत्री अतिवीर डॉ. प्रमोद जैन ने इस अवसर पर कहा, कि आचार्य श्री ने हमेशा जीवदया और अहिंसा का संदेश दिया। उनकी प्रेरणा से पूरे देश में 200 से अधिक दयोदय गौशालाओं का संचालन किया जा रहा है। उनका जीवन एक प्रेरणा है, जो हमें करुणा, सेवा और संयम की शिक्षा देता है। भारत सरकार द्वारा उनकी स्मृति में 100 रुपए का सिक्का जारी किया जाना, उनके महान व्यक्तित्व और योगदान का सम्मान है। हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलकर जीवदया, सद्भावना और सेवा कार्यों को बढ़ावा देना चाहिए।

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देशभर में भोपाल, राजनांदगांव सहित कई स्थानों पर आचार्य श्री की स्मृति में विशेष आयोजन किए गए। इस अवसर पर जैन मिलन देवास के अध्यक्ष मुकेश जैन बांझल, आरसी जैन, नवीन जैन, सुरेशचंद्र जैन, स्वतंत्र कुमार जैन, धर्मचंद्र जैन, महिला मिलन अध्यक्ष चारु जैन एवं सदस्य चमेली जैन, शकुंतला जैन, मनोरमा जैन, ममता जैन, लक्ष्मी जैन, मंदाकिनी जैन सहित अन्य श्रद्धालुओं ने गौसेवा में भाग लिया। कार्यक्रम की सफलता में विकास जैन, विकास जैन विक्की, लाखन सिंह, कामिनी जैन, टीना जैन का सहयोग सराहनीय रहा।

गौसेवा प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक-

राष्ट्रीय संयुक्त मंत्री डॉ. प्रमोद जैन ने कहा कि गौसेवा मानवीय संवेदना और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है। आचार्य श्री विद्यासागर जी ने अपने जीवन से जो संदेश दिया, उसे अपनाकर हम परोपकार, अहिंसा और जीवदया को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना सकते हैं। यदि समाज में प्रत्येक व्यक्ति इसी भावना से कार्य करे, तो यह दुनिया निश्चित रूप से एक दया, करुणा और प्रेम से परिपूर्ण स्थान बन सकती है।

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