-बिजली कंपनी के पेंशनर फेस एप से दे रहे जीवन प्रमाण पत्र
– 4700 ने घर बैठे उठाया सुविधा का लाभ
इंदौर। बिजली वितरण कंपनी के बुजुर्ग पेंशनरों को फेस एप से जीवन प्रमाण पत्र प्रदान करने की सुविधा दी है। पिछले डेढ़ माह में करीब 4700 पेंशनरों ने सुविधा का लाभ लिया है। उन्हें एप पर पहुंचकर कैमरे के सामने पलक झपकाना होता है। तकनीकी रूप से यहीं उनके जीवित होने की पहचान मान ली जाती है।
एप से जीवन प्रमाण पत्र संबंधित पेंशन प्रदाता विभाग या निगम मंडल स्वीकार कर लेते हैं। इस तरह वयोवृद्ध पेंशनरों को सुविधा मिल रही है। मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने पेंशनरों को जीवन प्रमाण पत्र के लिए फेस एप से जुड़कर स्व प्रमाणीकरण की सुविधा सर्वप्रथम प्रदान की थी। पेंशनर घर बैठे मोबाइल एप के माध्यम से प्रमाणीकरण कर पाएंगे। इससे वयोवृद्ध पेंशनरों एवं विदेश में रह रहे पेंशनरों को विशेष तौर पर मदद मिलेगी।
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर की प्रबंध निदेशक रजनी सिंह ने बताया कि कंपनी क्षेत्र में करीब पंद्रह हजार पेंशनर हैं। अब तक करीब साढ़े तेरह हजार ने जीवन प्रमाण पत्र की कार्रवाई पूर्ण कर अगले एक वर्ष तक पेंशन पाने की पात्रता ली है। इन पेंशनरों में सबसे ज्यादा फेस एप से जुड़ने वाले पेंशनर शामिल हैं, इनकी संख्या 4700 हैं। अंगुली के निशान से पहचाने देने वाले पेंशनरों की संख्या 4560 और रेटिना से संबंधित पहचान कैमरे के समक्ष दर्ज कराने वालों की संख्या करीब 4200 है।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि फेस एप से जुड़ने के लिए स्मार्ट फोन पर फेस एप डाउनलोड करना होता हैं, आधार नंबर, मोबाइल नंबर और पेंशनर नंबर अनिवार्य दर्ज करना होता है। एप से पेंशनर प्रमाणीकरण के दौरान ओटीपी प्राप्त होता है। इसके बाद फेस स्कैन के लिए कैमरा ऑन करना, फिर। इस दौरान आंखों को झपकाना अनिवार्य है। इस प्रक्रिया के बाद फेस एप से जीवित होने का प्रमाणीकरण का तकनीकी दौर पूरा हो जाता है। तत्काल ही एप के माध्यम से जीवन प्रमाण पत्र जनरेट हो जाता है। इस प्रमाण पत्र को पेंशनर, बिजली कंपनी के पेंशन प्रकोष्ठ के प्रभारी अधिकारी देख सकते हैं। इसे डाउनलोड कर पेंशनर के अन्य उपयोग में भी लाया जा सकता है।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि समय पर पेंशन के लिए मुख्य महाप्रबंधक प्रकाश सिंह चौहान एवं संयुक्त सचिव संजय मालवीय एवं अन्य ने प्रशंसनीय कार्य किया है, ताकि वयोवृद्ध पेंशनरों, विशेष कर दूरस्थ क्षेत्रों में रह रहे पेंशनरों को घर बैठे सुविधा मिल सके।
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