– खरना पूजा विधिवत रूप से संपन्न
देवास। पूर्वोत्तर भारतीय समाज द्वारा मनाए जाने वाले छठ महापर्व के दूसरे दिन व्रत करने वालों और परिवार द्वारा विधिवत रूप से पूजन-अर्चन करते हुए खरना पूजा संपन्न की गई।
अखिल भारतीय पूर्वोत्तर भारतीय समाज समिति के अध्यक्ष प्रकाश सिंह एडवोकेट ने बताया कि परंपरा अनुसार मनाए जाने वाले छठ महोत्सव में महापर्व के दूसरे दिन बुधवार को खरना पूजा विधिवत रूप से संपन्न की गई। खरना पूजा में हवन आदि परिवार सहित कर गुड़, गाय के दूध से बनी खीर और रोटी का प्रसाद सर्वप्रथम व्रत करने वाली महिलाएं और पुरुषों ने ग्रहण किया। इसके बाद परिवार के अन्य लोगों और मित्रों आदि के द्वारा खरना में बने प्रसाद को ग्रहण किया गया।
कल 7 नवंबर को व्रत करने वाले लोगों द्वारा 36 घंटे निर्जला उपवास प्रारंभ किया जाएगा और इस 36 घंटे के दौरान उनके द्वारा कोई भी वस्तु और पानी आदि ग्रहण नहीं किया जाएगा तथा 7 नवंबर को शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। सूर्य को अर्घ्य देते समय घर में धोकर सुखाए गए गेहूं के आटे से बने ठेकुआ प्रसाद का निर्माण भी व्रत करने वाले लोगों द्वारा 7 नवंबर को विधिवत रूप से बनाया जाएगा। प्रसाद बनाने वाले लोगों का सहयोग करने वाली महिलाएं और बच्चों द्वारा भी उपवास रखकर ही प्रसाद बनाया जाएगा और पवित्रता से उस बर्तन तथा चूल्हे जो घर में प्रयोग होते हैं, उन बर्तनों में छठ का कोई प्रसाद नहीं बनाया जाएगा। इस हेतु उनके द्वारा पृथक से पीतल आदि के बर्तन और चूल्हा रखा जाता है, इसी चूल्हे और चूल्हे में ठेकुआ का प्रसाद निर्माण किया जाएगा। इस ठेकुओं के अलावा केला, गन्ना, मिष्ठान, पेड़े, काजू, किशमिश और गागर नींबू तथा कच्ची हल्दी पेड़ सहित ,चना आदि को ढाका में रखकर घर से पूजन-अर्चन वाले स्थान नदी और तालाब के यहां लेकर जाएंगे। उस प्रसाद को ढाका सुप में रखकर गाय के दूध और जल से भगवान सूर्य नारायण को शाम को डूबते समय विधिवत रूप अर्घ्य दिया जाएगा। खरना पूजा-हवन और प्रसाद ग्रहण के कार्यक्रम पूर्वोत्तर भारतीय समाज के लगभग 2000 परिवार में मनाया गया है।
इस अवसर पर अमोना निवासी सुनंदा देवी, फूलकुमारी देवी, सुनीता दुबे तथा विनीता किशोर, नीतू सिंह, आदि महिलाओं द्वारा खरना प्रसाद ग्रहण किया गया तथा समाज के अन्य व्यक्ति देवकुमार तिवारी, रजत तिवारी अमोना, नवनीत किशोर आदि उपस्थित थे। सभी लोगों द्वारा हवन कर प्रसाद ग्रहण किया गया।
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