डूबते सूर्यदेव का पूजन-अर्चन कर दिया अर्घ्य

छठी मैया की विधिवत की पूजा
देवास। पूर्वोत्तर भारतीय समाज समिति के अध्यक्ष प्रकाश सिंह एडवोकेट ने बताया, कि पूर्वोत्तर भारतीय समाज द्वारा मनाए जाने वाले छठी माई के महापर्व में आज तीसरे दिन विधिवत रूप से पूजन अर्चन करते हुए छठी माई की आराधना करते हुए डूबते हुए भगवान सूर्य देव को अर्घ्य दिया गया।
भगवान सूर्य देव को डूबते समय अर्घ्य देते हुए जो प्रसाद सुबह निर्मित किया गया था। उक्त प्रसाद को सूप, ढाका, पीतल के सूप में रखकर भगवान सूर्य देव को व्रत करने वाले और उनके परिवारजन द्वारा दूध पानी से अर्घ्य दिया गया।
पूर्वोत्तर भारतीय समाज के लोगों के द्वारा बड़ी संख्या में छठ महापर्व को शुद्धता एवं पवित्रता से मनाया जाता है और छठी माई की विधिवत आराधना करते हुए इस चार दिवसीय महापर्व के तीसरे दिन खरना पूजा के बाद 36 घंटे निर्जला उपवास रखते हुए व्रत करने वाले वृत्ति महिला एवं पुरुष के द्वारा विधिवत रूप से अस्ताचल/
डूबते हुए भगवान सूर्य देव को अर्घ्य दिया गया।
शिप्रा नदी पर दोनों तट पर भारी संख्या में महिला, पुरुष, बच्चे उपस्थित हुए और नदी तट पर बनाए गए घाट पर परिवार एवं बच्चों सहित छठी माई की आराधना करते हुए विधिवत पूजन अर्चन किया गया।

अमोना निवासी देव कुमार तिवारी, पिंटू सिंह, रजत तिवारी, दीनानाथ तिवारी और सहित अन्य विधिवत डीजे निकालकर शिप्रा नदी तट पर पहुंचे। अमोना निवासी महिला-पुरुष एवं बच्चे रात भर शिप्रा नदी तट पर ही रहकर पूजन अर्चन, भजन करते हुए उगते हुए सूर्य को सुबह अर्घ्य देंगे। अमोना निवासी रातभर तट पर ही रहेंगे। उन लोगों के द्वारा घाट को नहीं छोड़ा जाता। इसके साथ ही अन्य मन्नत मानने वाले व्यक्तियों के द्वारा भी रातभर घाट पर जहां पूजन-अर्चन किया जाएगा। शिप्रा नदी के उस पार में इंदौर निवासी भी आकर विधिवत रूप से छठी माई के महापर्व में सम्मिलित हुए। दोनों तटों पर पूजन-अर्चन करते समय शिप्रा नदी तट पर विहंगम दृश्य उत्पन्न हुआ।

मीठा तालाब देवास पर भी भारी संख्या में लोग उपस्थित होकर पूजन अर्चन कर छठी माई की आराधना की। भगवान सूर्य देव के अर्घ्य दिया गया।मीठा तालाब पर अजय सिंह, नवनीत किशोर, अशोक सिंह, विनीता किशोर, नीतू सिंह, गुड़िया सिंह, रुक्मणी पाठक, पिंटू सिंह, प्राची सिंह आदि ने उपस्थित होकर पूजन किया।

शिप्रा नदी तट पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय प्रकाश मिश्र पत्नी और बच्चे सहित उपस्थित थे, जिन्होंने छठी माई की विधिवत आराधना करते हुए अर्घ्य दिया।



