जिसका परमात्मा में मन लग गया, उसका भवसागर से सहज ही हो जाता है बेड़ा पार
देवास। जब रामकृष्ण मंदिर में भगवान के परमधाम में बैठे हो तो विश्वास रखना जिसका मन परमात्मा में लग गया, जिसका मन कथा में लग गया उसका इस सांसारिक भवसागर से सहज ही बेड़ा पार हो जाता है।
यह विचार व्यासपीठ से कथावाचक पं. अजय शास्त्री सियावाले ने बड़ा बाजार स्थित रामी गुजराती माली समाज रामकृष्ण मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दौरान दूसरे दिन व्यक्त किए। पं. शास्त्री ने आगे कहा कि जिसने भी 7 दिन तक श्रीमद् भागवत कथा भक्ति में लीन होकर श्रवण कर ली हो, उसके लिए मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं। फिर वह 84 लाख योनियों के चक्र से, जीवन-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है।
उन्होंने कहा, कि साधुओं का धन है सत्संग है, राम नाम रूपी धन है। संसारियों का धन माया है। धन-धन करते एक दिन हमारा निधन हो जाए और आगे-आगे अर्थी निकल रही हो। लोग पीछे-पीछे धन फेंकते जाते हैं। कहते हैं कि राम नाम सत्य है। हम कहते जरूर हैं राम नाम सत्य है, लेकिन हम उसे आचरण में नहीं उतारते। हम इस सांसारिक माया और मोह में उलझे हुए हैं। जबकि राम नाम सबसे बड़ा धन है। राम नाम रूपी धन ऐसा धन है जो कभी खत्म नहीं होता। अंत समय में वही धन साथ जाएगा। यदि मुख से राम नाम आ जाए तो उद्धार हो जाता है।
उन्होंने कहा, कि भागवत कथा जीवन में आने वाली समस्त बुराइयों को खत्म कर देती है और हमें तार देती है। भगवान कृष्ण की माता देवकी ने कितने कष्ट उठाए, जेल में की मेरे घर भगवान आए हैं। आजकल की माता-बहनें यह दुख सहन नहीं कर पाती है। इस दौरान पं. अजय शास्त्री ने पायोजी मैंने राम रतन धन पायो… जैसे एक से बढ़कर एक भक्ति गीतों की संगीतमय में प्रस्तुति दी तो श्रद्धालु झूम उठे। रामी गुजराती माली समाज आयोजन समिति के सदस्यों ने व्यासपीठ की पूजा-अर्चना कर महाआरती की। सैकड़ों धर्मप्रेमियों कथा श्रवण कर धर्म लाभ लिया।
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