धर्म-अध्यात्म

मानव शरीर व विचारों को पवित्र करती हैं भागवत कथा

  • श्रीराम द्वारा में भागवत कथा का महत्व बताते हुए महंत राम नारायणजी ने कहा

देवास। भागवत कथा मानव शरीर एवं विचारों को पवित्र करती है। इस कथा के श्रवण से मानव मोक्षगामी होता है। नियमित रूप से भागवत कथा का श्रवण व मनन करने से मानव जीवन में चमत्कारिक परिवर्तन होता है। यह कथा जीवन जीने की कला सीखाती है।

श्रीराम द्वारा में शनिवार को श्रीमद भागवत कथा के प्रथम दिवस यह विचार भागवत की व्याख्या करते हुए महंत स्वामी राम नारायणजी ने प्रकट किए। महंत जी ने कहा कि हर युग में भागवत कथा मानव जीवन को ईश्वर की ओर ले जाएगी। जिस प्रकार राजा परीक्षित को शुकदेव मुनि ने भागवत कथा का श्रवण कराकर भव सागर पार कराया, उसी प्रकार हर युग में यह कथा मानव जीवन को कृतार्थ करेगी। व्यासपीठ का पूजन डॉ सीमा सोनी ने किया। संत राम सुमिरनजी ने निर्गुणी भजन प्रस्तुत किए। श्रीरामद्वारा में कथा 11 सितंबर प्रतिदिन दोपहर एक से शाम पांच बजे तक कथा का वाचन किया जाएगा।

 

महेश सोनी ने बताया कि भागवत कथा के अंतर्गत 4 सितंबर को परीक्षित जन्म, 5 सितंबर को कपिल भगवान का जन्म, 6 सितंबर को डोल ग्यारस पर्व, 7 सितंबर को वामन जयंती, 8 सितंबर को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव, 9 सितंबर को कंस उद्धार, 10 सितंबर भागवत कथा की पूर्णाहुति होगी। रामद्वारा सत्संग मंडल ने सभी धर्मप्रेमी जनता से सत्संग का लाभ लेने का आग्रह किया है। उल्लेखनीय है कि श्रीराम द्वारा में वर्षभर धार्मिक आयोजन होते हैं। यहां सभी त्योहारों को उत्साह के साथ मनाया जाता है। संतश्री के आशीर्वाद लेने व दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्तों का यहां तांता लगा रहता है। 

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