अघोरियों एवं भूत-प्रेत की टोलियों ने शाही सवारी में दिखाया करतब
शिप्रा/इंदौर (राजेश बराना)।
डमरू की मधुर ताल के साथ बम-बम भोले.. हर-हर महादेव के उद्घोषों से बरलाई जागीर गूंज उठी। अवसर था श्री सिद्धेश्वर महादेव मंडल की ओर से निकाली गई भगवान शिव की पालकी यात्रा का। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी आस्था और उत्साह के साथ उज्जैन के महाकाल मंदिर की तर्ज पर पालकी यात्रा निकाली गई।
उज्जैन के श्री भस्म रमैय्या भक्त मंडल द्वारा डमरू की मधुर ध्वनि, डीजे तथा बैंड पर भजनों की धुन तथा ढोल-नगाड़ों की थाप पर भक्तजन जमकर थिरके। पालकी यात्रा में जहां अघोरियों तथा भूत-प्रेत की टोलियों ने अपना करतब दिखाया तो वही भोलेनाथ की वेशभूषा में सजी झांकियों ने दर्शनार्थियों का मन मोह लिया। नगर भ्रमण के लिए पालकी जहां से भी गुजरी श्रद्धालुओं ने नत-मस्तक होकर भगवान शिव से कृपा मांगी।
श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर के आचार्य पं. मयूर अग्निहोत्री ने बताया कि श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के तृतीय वर्ष पूर्ण होने पर बाबा की पालकी यात्रा निकाली गई। प्रातः काल में पं. अग्निहोत्री, पं. ओमप्रकाश तिवारी, पं. विजय कश्यप तथा पं. प्रेम गुरु के सान्निध्य में बाबा श्री सिद्धेश्वर महादेव का सहस्त्रधारा महाभिषेक किया। बाबा श्री भोलेनाथ का सूखे मेवे एवं पुष्प, चंदन, भांग से श्रृंगार कर आरती हुई इसके पश्चात सवारी दोपहर 12 बजे मंदिर प्रांगण से आरंभ हुई।
भगवान सिद्धेश्वर महादेव को फूलों से सुसज्जित पालकी में विराजित कर नगर भ्रमण करवाया गया। पालकी में घोड़े, ढोल-नगाड़े, डीजे, बैंड, फूलों की तोप, भगवान शिव-पार्वती की सजीव झांकियां, अघोरियों का करतब एवं भस्म रमैय्या भक्त मंडल की मंडली आकर्षण का केंद्र रही। पालकी ने ग्राम बरलाई जागीर के विभिन्न मार्गों का भ्रमण किया। जगह-जगह भक्त अपने भगवान की एक झलक पाने को आतुर दिखे। नगर भ्रमण के दौरान स्वागत के लिए जगह-जगह मंच सजाए गए।
जहां से पुष्पवर्षा कर भोलेनाथ का स्वागत किया गया। पालकी में हजारों पुरुष-महिलाएं नाचते-गाते साथ चल रहे थे। नगर भ्रमण के बाद पुनः पालकी मंदिर पहुंची। जहां शाही रूप में ढोल एवं डमरू की मधुर ध्वनि पर भगवान भोलेनाथ की महाआरती कर प्रसाद वितरण किया गया। प्रातःकाल से देर रात तक हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए। अंत में श्री सिद्धेश्वर महादेव समिति ने विश्व कल्याण की कामना की।
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