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नामी प्राइवेट अस्पताल-नर्सिंग होम में भी नहीं है फायर एनओसी

प्रशासन हुआ सख्त: एक महीने में एनओसी नहीं ली तो लाइसेंस-पंजीयन होंगे निरस्त
अपर कलेक्टर ने हॉस्पि‍टल/नर्सिंग होम के मालिकों/प्रबंधकों की ली बैठक, कहा भविष्य में आगजनी व दुर्घटना होने पर उसका उत्तरदायित्व हॉस्पि‍टल मालिकों/प्रबंधकों का होगा
देवास। शहर में संचालित कुछ प्राइवेट अस्पताल-नर्सिंग होम संचालक मरीजों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। आग से बचाव को लेकर शासन ने जो दिशा-निर्देश दिए हैं उसके लिए सबसे अहम है फायर एनओसी, लेकिन शहर में कुछ प्राइवेट अस्पताल-नर्सिंग होम संचालक फायर एनओसी के प्रति लापरवाही बरत रहे हैं। मंगलवार को कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला के मार्गदर्शन में अपर कलेक्‍टर महेंद्रसिंह कवचे ने देवास नगर निगम सीमा में संचालित 25 हॉस्पि‍टल/नर्सिंग होम के मालिकों/प्रबंधकों की कलेक्‍टर कार्यालय सभाकक्ष में बैठक ली। इस दौरान जिन्होंने एनओसी नहीं ली है, उन्हें सख्त लहजे में हिदायत देते हुए एक माह में एनओसी लेने के निर्देश दिए।
बैठक में अपर कलेक्‍टर श्री कवचे ने निर्देश दिए कि देवास में संचालित सभी हॉस्पि‍टल/नर्सिंग होम एक माह में नगर निगम से फायर एनओसी लें, अन्‍यथा हॉस्पि‍टल/नर्सिंग होम के संचालन का लाइसेंस/रजिस्‍ट्रेशन निरस्‍त करने की कार्रवाई की जाएगी। बैठक में सीएमएचओ डॉ. एमपी शर्मा, नगर निगम उपायुक्‍त लोकेंद्रसिंह सोलंकी सहित नगर निगम सीमा में संचालित हॉस्पि‍टल/नर्सिंग होम के मालिक/प्रबंधक उपस्थित थे। अपर कलेक्‍टर श्री कवचे ने निर्देश दिए कि राज्‍य शासन के निर्देशानुसार सभी हॉस्पि‍टल/नर्सिंग होम में अग्निशमन उपकरणों को स्थापित किया जाना अत्यंत आवश्यक है। जिनका भूतल या अधिक तलों पर निर्मित कुल क्षेत्रफल 500 वर्ग मीटर से अधिक है या जिनकी ऊंचाई 9 मीटर से अधिक है, उन हॉस्पि‍टल/नर्सिंग होम में आवश्‍यक फायर उपकरण स्‍थापित कर अग्नि सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित करना आवश्‍यक है।

कई बार सूचना दी, लेकिन नहीं दिया ध्यान-
नगर निगम सीमा में संचालित समस्त अस्पतालों को प्रोविजनल फायर एनओसी लेने एवं एनबीसी के अनुसार आवश्यक फायर उपकरण स्थापित करने के लिए नगर निगम द्वारा कई बार सूचना पत्र दिए गए, लेकिन अभी तक अस्पतालों द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की गई और ना ही ऑनलाइन पोर्टल पर फायर एनओसी के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। यदि भविष्य में कोई आगजनी व किसी भी प्रकार की दुर्घटना होती है तो उसका संपूर्ण उत्तरदायित्व अस्पताल मालिकों/प्रबंधकों का रहेगा। हॉस्पि‍टल/नर्सिंग होम के मालिक/प्रबंधक फायर उपकरण स्‍थापित करवाकर नगर निगम से वार्षिक फायर ऑडिट कराए।

कई नर्सिंग होम में नहीं है-
बैठक में बताया गया कि एमजी हॉस्पिटल, बीमा हॉस्पिटल, रोशनी आई केयर सेंटर के पास प्रोवीजनल फायर एनओसी तथा अमलतास हॉस्पिटल के पास अस्‍थायी एनओसी है। इनके अलावा संस्‍कार हॉस्पिटल, एपेक्‍स हॉस्पिटल, सीटी हॉस्पिटल, कोठारी नर्सिंग होम, श्रद्धा हॉस्पिटल, प्राइम हॉस्पिटल, कुलकर्णी हॉस्पिटल, विनायक हॉस्पिटल, सलूजा हॉस्पिटल, प्रिज्‍म हॉस्पिटल, क्‍विन्‍स हॉस्पिटल, देवास हॉस्पिटल, देवकर नर्सिंग होम, करीम निर्सिंग होम, चंद्रा नर्सिंग होम, खरे नर्सिंग होम, माहेश्‍वरी नर्सिंग होम, गगरानी नर्सिंग होम, अमन हॉस्पिटल, लवकुश हॉस्पिटल तथा यश हॉस्पिटल के पास फायर एनओसी नहीं है। जिस पर अपर कलेक्‍टर श्री कवचे ने एक माह में नगर निगम से अनिवार्य रूप से फायर एनओसी प्राप्‍त करने के निर्देश दिए।

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