स्मार्ट मीटर उपभोक्ता संतुष्टि के लिए कारगर साबित

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Smart meter

– चेक मीटर लगाकर भी उपभोक्ताओं का भ्रम किया जा रहा दूर

– पश्चिम मप्र में अब तक 7 लाख 5 हजार अत्याधुनिक मीटर स्थापित

इंदौर। ड़िजिटल इंडिया अभियान को प्राथमिकता देते हुए मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी स्मार्ट मीटर परियोजना का गंभीरता के साथ संचालन कर रही है।

अब तक पश्चिम मप्र में सात लाख पांच हजार अत्याधुनिक स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं।
ये स्मार्ट मीटर उपभोक्ता संतुष्टि की दिशा में मिल का पत्थर साबित हुए हैं। समय पर रीडिंग नहीं होने, बिल त्रुटिपूर्ण होने की शिकायतें भी काफी कम हो गई हैं।

मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्य़ुत वितरण कंपनी इंदौर के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि वर्तमान में 14 जिलों में स्मार्ट मीटरकरण जारी है। 7 लाख 5 हजार स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। ये मीटर पहली तारीख को रीडिंग अपने आप ले लेते हैं। इसी के आधार पर रीडिंग मानव हस्तक्षेप के बगैर दर्ज करने के बाद बिजली बिल तैयार हो जाता है। यह बिजली बिल इलेक्ट्रानिक माध्यमों से उपभोक्ताओं को मोबाइल पर तुरंत पहुंच जाता है। इससे बिजली बिल भरने के लिए पहले की तुलना में ज्यादा समय मिल रहा है।

श्री तोमर ने बताया कि कंपनी क्षेत्र में सबसे ज्यादा तीन लाख से ज्यादा स्मार्ट मीटर इंदौर शहर में लगे हैं। इसके बाद महू, उज्जैन, रतलाम, देवास, खरगोन व अन्य नगरीय क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर लगाए गए है। उन्होंने बताया कि मोबाइल पर पश्चिम क्षेत्र कंपनी के ऊर्जस एप पर स्मार्ट मीटर से संबंद्ध उपभोक्ता स्वयं के बिजली खाते से संबंधित जानकारी व दैनिक बिजली उपयोग विधिवत देख सकता है। इस एप पर ऊर्जा बचत की जानकारी भी प्राप्त होती है।

प्रबंध निदेशक श्री तोमर ने बताया कि जिन नए शहरों, नए कस्बों, नए फीडरों से संबंद्ध उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर परियोजना से जोड़कर निःशुल्क स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे है, वहां के उपभोक्ताओं की मांग पर और संतुष्टि के लिए अन्य मीटर(चेक मीटर) भी लगाए जा रहे है, ताकि उपभोक्ताओं का यह भ्रम दूर किया जा सके कि स्मार्ट मीटर तेज चलते हैं।

प्रबंध निदेशक ने बताया कि कंपनी क्षेत्र में इंदौर शहर में 700 से ज्यादा और सभी जिलों में कुल मिलाकर 1200 चेक मीटर लगाए गए हैं। इनमें 99.50 प्रतिशत स्मार्ट मीटर और चेक मीटर की रीडिंग में समानता दर्ज हुई है। चेक मीटर एवं रीडिंग की समानता से संबंधित जानकारी जन प्रतिनिधियों, उपभोक्ता संगठनों, रहवासी संगठनों को भी विधिवत दी जा रही है।

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