दादी सरस्वती दया, प्रेम और विश्वास की प्रतिमूर्ति थी- ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी
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दादी ने अध्यात्म की गंगा बहाकर मानवता कायम की- ब्रह्मा कुमारी प्रेमलता दीदी
देवास। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय कालानी बाग सेंटर में सोमवार को सेंटर से जुड़े भाई-बहनों द्वारा जिला संचालिका ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी के सानिध्य में दादी जगदंबा सरस्वती की 59वी पुण्यतिथि श्रद्धाभाव के साथ मनाई गई।
ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा, कि मम्मा आज हमारे बीच में नहीं है, फिर भी वह हमारे मन में बसी हुई है। दादी जी दया, प्रेम और विश्वास की प्रतिमूर्ति थी। दादी की अनुभूति मात्र से ही मन प्रसन्नचित हो जाता है। एक ऐसी दिव्य आत्मा थी जिनके प्रकाश पुंज से कई आत्माएं आलोकित हुई। दादी ने संस्था में अपने पूरे 28 वर्ष मानव कल्याण में समर्पित किए और हर व्यक्ति के मन में प्रेम, सहनशीलता और आपसी भाईचारे की भावना को जागृत किया। जीवन में सुख शांति प्राप्त करने के लिए आध्यात्मिकता का मार्ग प्रशस्त किया। दादी ने अध्यात्म की गंगा बहाकर विश्व में मानवता कायम की।
इस अवसर पर मनीषा बहन, हेमा बहन, अपूलश्री बहन, विवेक भाई, रत्नप्रभा बहन, ज्योति बहन, सुनीता बहन, जेठालाल जसवानी, बद्री भाई, पूरन भाई, आयुष भाई आदि उपस्थित थे।