धर्म-अध्यात्म

11 कुंडीय श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ का हुआ शुभारंभ

  • 11 पवित्र नदियों के जल से निकाली कलश यात्रा
  • काशी सहित अन्य स्थानों से आए संत महात्माओं का हुआ सानिध्य प्राप्त 

देवास। मां चामुंडा की पावन नगरी देवास में साकेतवासी श्रीश्री 1008 महामंडलेश्वर गरुड़ दास महाराज के शिष्य श्रीकृष्ण गोपालदास महाराज पंचमुखी धाम आगरोद, 108 दामोदरानंद महाराज, 108 मनमोहनदास भिंड, 108 भरतदास महाराज बालाजी धाम रुणिजा के सानिध्य में मालीपुरा स्थित ज्योतिबा फुले चौराहे के पास गुरुवार को 11 कुंडीय श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ का शुभारंभ हुवा।

इस दिव्य महायज्ञ का आयोजन 8 मई तक किया जा रहा है। इस महायज्ञ में अन्य स्थानों से भी संत-महात्मा आशीर्वाद प्रदान करने के लिए पधारे हैं। काशी के विद्वान आचार्य पंडित पुष्कर पांडे एवं सहयोगी आचार्य के द्वारा यज्ञ संपादित होगा। श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ आयोजन समिति के वासुदेव परमार ने बताया, कि यज्ञ के शुभारंभ पूर्व गुरुवार को सुबह 10 बजे से मालीपुरा स्थित गणेश मंदिर से 11 नदियों के पवित्र जल से बैंड-बाजों के साथ कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए आयोजन स्थल पर पहुंची। महायज्ञ प्रतिदिन सुबह 7 से 5 बजे तक होगा। शाम 6:30 बजे महाआरती की जाएगी। यज्ञ-हवन के पश्चात संत-महात्माओं द्वारा अल्प समय प्रवचन सत्संग होगा।

4, 5 एवं 6 मई को शाम 7:30 से 10:30 तक महू के शर्मा बंधुओं द्वारा नानीबाई मायरा की संगीतमयी प्रस्तुति दी जाएगी। आयोजन समिति के वासुदेव परमार, राहुल हारोडे सहित पदाधिकारी कार्यकर्ताओं ने धर्मप्रेमियों से इस सात दिवसीय महायज्ञ में शामिल होकर धर्मलाभ लेने का आग्रह किया गया है। यह जानकारी आयोजन समिति के राहुल हरोड़े ने दी।

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