धर्म-अध्यात्म

परंपरागत रूप से रंग-गुलाल करने निकली गेर

– रंग लगाकर फाग के गीत गाए

बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। रंगों के पर्व होली पर बेहरी में सोमवार सुबह 4:20 पर होलिका दहन किया गया। छोटे बच्चे सुबह से ही रंग से सराबोर दिखे और होली खेलते नजर आए। जिन परिवारों में व्यक्तिगत क्षति विगत वर्ष में हुई थी, उन परिवारों में रंग-गुलाल करने के लिए गेर निकाली गई। ढोल के साथ निकली यह गेर प्रत्येक गमजदा परिवार में पहुंची और पारिवारिक सदस्यों को रंग-गुलाल किया गया।

उम्र दराज लोगों ने होली को फाग उत्सव के रूप में मनाते हुए फाग गीत गाए। महिलाओं ने भी होलिका माता पूजन के बाद रंगों के इस पर्व को मनाया। होली पर्व पर प्राचीन परंपरा अनुसार आज भी प्रज्वलित होलिका में किसान परिवार अनाज के रूप में गेहूं और नमक सेंकने की परंपरा वर्षों से निभाई जा रही है, जो आज भी क्षेत्र में जीवित है। यहां पशुओं को खिलाने से पैर की बीमारी ठीक होती है। यहां निकली गेर में युवा मस्त होकर अपनी मस्ती में नाचते-झूमते नजर आए।

सुबह जल्दी उठकर होलिका दहन स्थान पर जाकर महिलाओं ने होली माता की पूजा की। महिलाओं ने भी रंगारंग गेर निकाली। समीप गांव चैनपुरा, खेड़ा, रामपुरा, अंबापानी, शिवन्या, मालीपुरा, कैलाश नगर आदि स्थानों पर भी होली मनाई गई।

गांव के वरिष्ठ भागीरथ पटेल, पूर्व सरपंच रामचंद्र दांगी, प्रहलादगिरि गोस्वामी, रामप्रसाद दांगी, सरपंच हुकुम बछानिया, उप सरपंच लखन दांगी, मुकेश गोस्वामी, सूरजसिंह पाटीदार, कैलाश गोस्वामी, हरिनारायण पाटीदार, केदार पाटीदार, श्रीराम पाटीदार, शिव पाटीदार, गब्बूलाल पाटीदार, जुगल पाटीदार, माखन दांगी, बालाराम दांगी, राधेश्याम चौधरी, हरीश उपाध्याय, राजेंद्र पाटीदार आदि ग्रामीण गेर में शामिल हुए।

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