जिले में गेहूं उपार्जन कार्य 20 मार्च से, 134 उपार्जन केंद्र बनाए
-उपार्जन केन्द्रों पर फ्लेट तौल कांटा रहेगा प्रतिबंधित
देवास। कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने मंगलवार को मातृशक्ति वेयर हाउस राजोदा, वेद वेयर हाउस राजोदा, ग्राम को इंफोटेक वेयर हाउस टिनोनिया गेहूं उपार्जन केंद्रों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री गुप्ता ने निर्देश दिये कि गेहूं उपार्जन केंद्र पर किसानों को परेशानी न आए, इसका विशेष ध्यान रखें। उन्होंने पर्याप्त मात्रा में बारदान का स्टॉक रखने, साइन बोर्ड, बोरे सिलाई के लिए अतिरिक्त मशीन, वजन मशीन अन्य तैयारियों के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री गुप्ता ने सभी संबंधितों को निर्देश दिये कि गेहूं उपार्जन के संबंध में जो भी शेष कार्य बचे हैं, उन्हें आज ही पूरा कर लें। निरीक्षण के दौरान खाद्य आपूर्ति अधिकारी शालू वर्मा, उपायुक्त सहाकारिता परमानंद गोडरिया, तहसीलदार सपना शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री गुप्ता ने गेहूं उपार्जन केंद्र पर किसानों के लिए पेयजल, छाया, शौचालय की व्यवस्था के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उपार्जन केंद्रों पर जरूरत अनुसार हम्माल रखें। जैसे ही गेहूं की तुलाई हो इसके भंडारण की भी प्रक्रिया प्रारंभ कर दें, जिससे अन्य परेशानियां न आने पाए। जिन वेयर हाउस के आने-जाने के मार्ग ठीक नहीं हैं, उन्हें तुरंत समतल कराएं जिससे कि किसानों को परेशानी न आए।
जिले में 20 मार्च से प्रारंभ होगा गेहूं उपार्जन कार्य-
निरीक्षण के दौरान बताया गया कि 20 मार्च से जिले में गेहूं उपार्जन कार्य प्रारंभ हो रहा है। गेहूं उपार्जन के लिए 31 मार्च तक पंजीयन का कार्य किया जा रहा है। गेहूं उपार्जन के लिए जिले में 134 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। जिले समर्थन मूल्य पर गेंहू उपार्जन का कार्य किया जायेगा। जिले में अनुभाग देवास में 21, सोनकच्छ 15, टोंकखुर्द में 11, बागली में 10, उदयनगर में 06, हाटपिपल्या में 12, कन्नौद में 16, सतवास में 14 एवं खातेगांव में 29 केन्द्र बनाये गये है। किसानों को नजदीकी उपार्जन केन्द्र में तौल करने के लिए गतवर्ष अनुसार स्लॉट सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिसमें किसान अपनी प्राथमिकता से दिनांक एवं समय का चयन कर तौल करा सकते है। उपार्जन केन्द्रों पर तौल कांटा, छन्ना, सिलाई मशीन, किसानों की सुविधा के लिये छाया, पानी, टेन्ट कुर्सी आदि की व्यवस्था की गई है।
प्रत्येक उपार्जन केन्द्रों पर गेहूं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सर्वेयर के साथ-साथ गुणवत्ता नियंत्रण दल का गठन किया गया है, जिसमें स्थानीय पटवारी, पंचायत सचिव, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं समिति प्रबंधक नियुक्त किए गए हैं। दल उपज की गुणवत्ता एफएक्यू चेक करेंगे। यदि गुणवत्ता के संबंध में कोई संशय होता है तो उपार्जन केन्द्रों पर उपज को अपग्रेड करने के लिए छन्ना उपलब्ध कराये गये है, जिससे किसान गेहूं अपग्रेड कर सकते है।
किसानों को विक्रय पश्चात् आधार लिंक खाते में भुगतान किया जायेगा। शासन के निर्देशानुसार उपार्जन केन्द्रों पर फ्लेट तौल कांटा प्रतिबंधित है। यदि किसी उपार्जन केन्द्र अथवा गोदाम संचालन द्वारा उपार्जन तौल के संबंध में नियमों का उल्लंघन पाया जाता है तो उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।
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