देवास। इकलेरा माता में घायल अवस्था में विगत माह में तेंदुआ पाया गया था। उस दौरान कुछ लोगों द्वारा तेंदुआ को हांकने, सवारी करते हुए का वीडियो वायरल हुआ था। जो कि वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत गैरकानूनी है। वायरल वीडियो अनुसार आरोपियों की तलाश की गई एवं वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत वन अपराध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। जांच के दौरान दो आरोपियों की शिनाख्त कर टोंकखुर्द न्यायालय में पेश किया गया। माननीय न्यायाधीश द्वारा दोनों आरोपियों को जेल भेजा गया।
उल्लेखनीय है, कि वन विभाग को ग्रामीणों द्वारा सूचना दी गई की इकलेरा माता के पास एक तेंदुआ जो की घायल अवस्था में गांव के पास आ गया है। वन परिक्षेत्र अधिकारी देवेंद्रसिंह चौहान के निर्देशन में रेस्क्यू दल द्वारा तेंदुआ को रेस्क्यू कर, दौलतपुर प्रांगण में लाकर रखा गया, जो काफी बीमार था एवं मूर्छित अवस्था में था। कुछ खा-पी नहीं रहा था, जिसका प्राथमिक उपचार करवाया गया। वन मंडल अधिकारी प्रदीप मिश्रा के निर्देशानुसार वन्य प्राणी संग्रहालय इंदौर ले जाकर उपचार किया गया। जांच करने पर पाया गया कि तेंदुआ कैनाइन डिस्टेंपर वायरस से पीड़ित है, जो एक संक्रामक बीमारी है। जो अन्य प्राणियों में फैल सकती है तथा जीवित रहने की काफी कम उम्मीद रहती है। ऐसे में तेंदुआ को देवास दौलतपुर प्रांगण में लाकर रखा गया। तीन माह उपचार पश्चात तेंदुआ को खिवनी अभ्यारण में लाकर छोड़ा गया।
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