उज्जैनधर्म-अध्यात्म

1 जुलाई को निकलेगी इस्कॉन की श्रीश्री जगन्नाथजी की रथयात्रा

उज्जैन। कोरोना महामारी के उपरांत सन् 2019 के बाद यह पहला अवसर है जब भगवान जगन्नाथजी की रथयात्रा धर्मनगरी उज्जैन में निकलेगी। उत्सव की तैयारियां जोरों पर है। भगवान का नया रथ तैयार हो रहा है, नई पोशाक बन चुकी है, अभी भगवान बीमार हैं उनका उपचार चल रहा है। स्वस्थ होकर अषाड़ शुक्ल दूज 1 जुलाई के दिन रथ में विराजकर जगत कल्याण हेतु नगर भ्रमण पर निकलेंगे।

पूर्व रात्रि से ही रथ को बुधवारिया में खड़ा कर दिया जाएगा, रातभर रथ की सज्जा होती रहेगी, प्रातः 11 से 11.30 पर भगवान रथ में विराजेंगे और पुजारियों द्वारा भगवान की पूजा स्तुति के उपरांत लगभग 2 अतिथियों द्वारा पूजा, नारियल बदारकर स्वर्णिम झाड़ू से यात्रा मार्ग को बुहारा जाएगा और रस्सियों से रथ खींचना आरंभ होगा। रथयात्रा महामहोत्सव में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है।
जनसंपर्क अधिकारी राघव पंडित दास ने बताया कि यात्रा में प्रयुक्त रथ हाइड्रोलिक सिस्टम से युक्त है जिससे रथ के शिखर की उंचाई भूमि से 18-20 फीट से उठाकर 35-37 फीट की जा सकती है। रथयात्रा में तासा पार्टी, नगर निगम का टैंकर सड़क साफ करते हुए डीजे, घोड़ी, हाथी, बैलगाड़ियों में कृष्ण लीलाओं में सजे धजे बच्चे, प्रसाद वाहन, कीर्तन और नृत्य करते हुए माताजी और प्रभुजी की मंडली सम्मिलित होंगे।
रथयात्रा बुधवारिया से कंठाल, नईसड़क, दौलतगंज, मालीपुरा, देवासगेट, चामुंडा माता चौराहे, ओवर ब्रिज, टॉवर, तीनबत्ती, देवासरोड़, इस्कॉन तिराहे से शाम लगभग 7 बजे इस्कॉन मंदिर स्थित गुंडिचा पहुंचेंगे। जगन्नाथजी इस्कॉन मंदिर स्थित गुंडिचा में 7 दिन तक रहेंगे जहां उनकी प्रसन्नता के लिए कथा और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन पूरे सप्ताह चलेगा। 9 जुलाई को वापसी रथयात्रा होगी जिसमें पुनः भगवान रथ में भक्तों के समूहों द्वारा दोपहर 3 बजे नृत्य कीर्तन कर रथ को खींचते हुए बिरला हॉस्पिटल, ट्रेजर बाजार, सी-21 मॉल के सामने से इंदौर रोड़ होते हुए काला पत्थर, बसंत बिहार, आनंद नगर, सर्किट हाउस, पोलीटेक्नीक कॉलेज से इस्कॉन तिराहा होते हुए शाम को लगभग 6 से 7 बजे के बीच इस्कॉन मंदिर पहुंचेंगे।
भगवान जगन्नाथ दर्शनार्थियों एवं भक्तों को विशेष कृपा प्रदान करने के लिए 9 दिन विशेष दर्शन देंगे। जगन्नाथ पुरी की तरह उज्जैन इस्कॉन मंदिर को गुंडीचा मंदिर के रूप में सजाया जाएगा एवं 9 दिन भगवान के दर्शन एवं सेवा का लाभ भाग्यशाली उज्जैनवासियों को मिलेगा। वैदिक शास्त्रानुसार इस दिन भगवान कृष्ण अपने बड़े भाई बलरामजी एवं बहन सुभद्रा महारानी के साथ कुरूक्षेत्र से रथरूढ़ होकर अपने परम प्रेमी भक्तों द्वारा रथ खींचे जाने पर अपने नित्यधाम वृंदावन को जाते हैं। भगवान जगन्नाथ समस्त विश्व के नाथ हैं और जीव के प्रति असीम कृपामय है।
2 से 8 जुलाई तक यह होगा रथयात्रा आयोजन में
प्रातः 4.30 बजे मंगल आरती, प्रातः 5.30 से 7.25 महामंत्र जप, दर्शन आरती प्रातः 7.25 से 7.50, जगन्नाथ कथा प्रातः 7.50 से 9, 12.15 से 1 राजभोग आरती, दोपहर 1 से 4 बजे तक मंदिर पट बंद, शाम 4 से 6.30 बजे सांस्कृतिक काय्रक्रम, शाम 6.30 से 7 तुलादान, शाम 7 से 7.30 बजे संध्या आरती, जगन्नाथ कथा शाम 7 से 7.30 रमाकांत प्रभु द्वारा, रात्रि 9 से 9.15 तक शयन आरती। इस अवसर पर रथ की पुष्प सज्जा, प्रसाद सेवा, केला प्रसाद सेवा, जल सेवा, अन्य फल सेवा, मिश्री मूंगफली प्रसाद सेवा, भक्तों के लिए सांध्यकालीन महाप्रसाद की सेवा में भक्त पुण्य लाभ ले सकते हैं।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button