धर्म-अध्यात्म

शुभ कर्मों में शामिल होने से ही हमारा मन शुभ कर्म करने को आतुर होता है- स्वामी विष्णुप्रपन्नाचार्य

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नेमावर। भगवान के निमित्त हम जो भी केंकर्य करते हैं, वो ही हमें इस भवसागर से पार करते हैं। अन्नदान, गोदान, विद्यादान, देवालय, पाठशाला आदि के लिए किए शुभा-शुभ कर्म ही हमारे कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। इससे ही मन मे सदाचार का सात्विक भाव आता है।
श्रीबालमुकुन्द सेवाश्रम व अन्नक्षेत्र नेमावर में नागोरिया पीठाधीश्वर स्वामी विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज ने श्रद्धालुओं व नर्मदा परिक्रमावासियों के बीच अन्नदान महोत्सव व गोमाता के लिए आयोजित अन्नकूट महोत्सव के दौरान यह बात कही। आचार्यश्री ने बताया, कि उक्त सेवाकार्य के दौरान मन में अहं का भाव नहीं हो तो हमारा किया कार्य अति शुभ बन जाता है। सीधे-सीधे भगवत संबद्धी हो जाता है। स्वामीजी ने बताया, कि कराने वाला परमात्मा ही है उन्होंने हमें मात्र निमित्त बनाया। मां नर्मदा की कृपा से ही अन्नदान का आयोजन होता है। उत्सव में उपस्थित अन्य परिवार के मन में विचार आता है, मां नर्मदा की कृपा होगी तो हम भी ऐसा करेंगे। शुभकर्म में शामिल होने से ही हमारा मन भी शुभकर्म करने को आतुर होता है। पूज्यश्री के सानिध्य में शनिवार को राठी परिवार सतवास-इंदौर, रविवार को गोपाल नागौरी परिवार इंदौर द्वारा अन्नदान, गोदान-अन्नकूट महोत्सव किया गया। इस अवसर पर भजन गायक शुभम मानधन्या द्वारा केवट भक्ति का भजन बात छोटी है सिर तो हला दिजीये, पाव अपना प्रभुजी धुला लिजीये पर जगदीश राठी, प्रेमनारायण नागौरी, राजेश होलानी, मनोज तापडिया, शुभम मानधन्या, पंकज मूंदडा, विनय सिंगी, मनीष बियाणी, लक्ष्मीकांत लठठा, सुभाष मानधन्या, प्रमिला गटटानी, जयश्री राठी, धनीषा नागौरी, सरला राठी, मीना मानधन्या आदि ने गुरुचरण पूजन किया। निधिष नागौरी ने सभी का आभार माना।

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