देवास

Mp news महिला सरपंच का नवाचार: सोबल्यापुरा की बाल वाटिका बनी आकर्षण का केंद्र

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– झूले, जंपिंग झूला, पेवर ब्लॉक, पेंटिंग और सीसीटीवी, बच्चों के लिए सुरक्षा व मनोरंजन का परफेक्ट मेल

देवास/उदयनगर। “नवाचार ही विकास का मार्ग है” इस सोच को साकार करती देवास जिले की ग्राम पंचायत सोबल्यापुरा इन दिनों पूरे क्षेत्र में मिसाल बन गई है। कलेक्टर ऋतुराज सिंह और जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज्योति शर्मा के मार्गदर्शन में यहां एक उत्कृष्ट और आकर्षक बाल वाटिका का निर्माण किया गया है, जिसने बच्चों के लिए सीखने, खेलने और प्रकृति से जुड़ने के अवसरों को नई दिशा दी है।

ग्राम पंचायत में इन दिनों बाल वाटिका एक उत्साह का केंद्र बनी हुई है। हर दिन यहां बच्चों की हंसी-खुशी और खेल-कूद से वातावरण जीवंत रहता है। यह नवीन पहल न केवल बच्चों के समग्र विकास में सहायक है, बल्कि ग्राम पंचायत में स्वच्छ, सुंदर और शिक्षाप्रद माहौल का उत्कृष्ट उदाहरण भी प्रस्तुत करती है।

महिला सशक्तिकरण की अनोखी मिसाल-
सोबल्यापुरा जिला देवास की एकमात्र ग्राम पंचायत है, जहां मतदाताओं ने सभी 14 पंच, सरपंच और उपसरपंच पदों पर महिलाओं को चुनकर महिला नेतृत्व को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। वर्ष 2008 में महामहिम राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित की जा चुकी यह ग्राम पंचायत एक बार फिर अपने नवाचार से सुर्खियों में है।

ग्राम पंचायत की सरपंच अनुबाई लक्ष्मण सिंह परिहार ने शासन की नवाचार योजना के अंतर्गत बच्चों के मनोरंजन और शिक्षा हेतु उच्च गुणवत्ता की सुंदर बाल वाटिका तैयार करवाई है। विशेष बात यह है कि उन्होंने वाटिका की सुरक्षा और निगरानी हेतु अपने मानदेय से 25,000 रुपये का योगदान देकर चार सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए हैं।

वाटिका में आकर्षण की भरमार-
सरपंच प्रतिनिधि लक्ष्मण सिंह परिहार के अनुसार बाल वाटिका को विकसित करने में सौंदर्य, सुरक्षा और सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है:

– 4000 स्क्वेयर फीट में हरी-भरी घास

– 50 प्रजाति के आकर्षक फूलों और सौंदर्य पौधों का रोपण

– 380 फीट लंबी ड्रिप सिंचाई व्यवस्था

– पौधों की सुरक्षा हेतु सीमेंटेड दीवार

– 2600 स्क्वेयर फीट में आर्टिस्टिक पेंटिंग

– 2500 स्क्वेयर फीट में पेवर ब्लॉक लगाने का कार्य

– पूरी वाटिका की तार जाली से सुरक्षा

– सुंदर स्वागत द्वार

– बच्चों के लिए 14 फीट का जम्पिंग झूला, चार अन्य झूले

– 5 चेयर, जिन पर आकर्षक टीन शेड

– 400 स्क्वेयर फीट की दो चौपाल टीन शेड

इन सभी व्यवस्थाओं ने मिलकर इस बाल वाटिका को बच्चों के साथ-साथ महिलाओं के लिए भी मनोरंजन, सीख और स्वच्छ वातावरण का केंद्र बना दिया है।

क्षेत्र में हो रही प्रशंसा-
ग्राम पंचायत सोबल्यापुरा की यह पहल पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय है। बच्चों के लिए सुरक्षित, रंगीन और प्रेरणादायक वातावरण बनाने की दिशा में यह वाटिका एक मॉडल प्रोजेक्ट के रूप में उभर रही है। महिला नेतृत्व द्वारा किया गया यह अनूठा कार्य अन्य पंचायतों के लिए भी प्रेरणादायक उदाहरण बनता जा रहा है।

अनुबाई परिहार, सरपंच

मॉडल पंचायत बनाने की दिशा में प्रयास- 

सरपंच अनुबाई लक्ष्मण सिंह परिहार का कहना है, कि बाल वाटिका का निर्माण हमारे बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर किया गया है। हमारा प्रयास है कि गांव के बच्चों को सुरक्षित, स्वच्छ और शिक्षाप्रद वातावरण मिले। मैंने अपने मानदेय से सीसीटीवी कैमरों के लिए सहयोग इसलिए दिया ताकि यहां आने वाले बच्चे हमेशा सुरक्षित रहें। सभी ग्रामवासियों के सहयोग से सोबल्यापुरा को जिले की एक मॉडल पंचायत बनाने की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

ग्रामवासियों के सहयोग से संभव हुए कार्य-

सरपंच प्रतिनिधि लक्ष्मण सिंह परिहार का कहना है, कि बाल वाटिका का निर्माण ग्रामवासियों के सहयोग से संभव हो पाया है। हमने यहां हरी घास, सुंदर पौधे, झूले, पेंटिंग, पेवर ब्लॉक और सुरक्षा व्यवस्थाओं का विशेष ध्यान रखा है। हमारा उद्देश्य है कि यह वाटिका बच्चों और महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत व आनंद का केंद्र बने।

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