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    भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर व श्री मनमहेश हाथी पर विराजित होकर भक्तों का कुशल-क्षेम लेने निकले नगर भ्रमण पर

    ByNews Desk

    Jul 21, 2025
    Mahakal ki savari
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    मुख्यमंत्री डॉ यादव डमरु और झांझ मंजीरे बजाते हुए पूरे सवारी मार्ग पर पैदल चले

    उज्जैन। श्रावण माह के दूसरे सोमवार पर भगवान श्री महाकालेश्वर पालकी में विराजीत होकर श्री चन्द्रमोलेश्वर के रूप में तथा हाथी पर श्री मनमहेश के स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन देने और अपनी प्रजा का कुशल-मंगल जानने नगर भ्रमण पर निकले। सवारी निकलने के पूर्व सभामंडप में पालकी का मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पूजन-अर्चन किया।

    मुख्य पुजारी पं. घनश्याम शर्मा द्वारा पूजन-अर्चन संपन्न कराया गया। सर्वप्रथम भगवान श्री महाकालेश्वर भगवान का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन किया गया। इसके पश्चात भगवान की आरती की गई।

    उल्लेखनीय है कि श्रावण माह के दूसरे सोमवार भगवान महाकाल की सवारी धूमधाम से निकाली गई जिसमें मुख्यमंत्री डॉ यादव की पहल पर 08 जनजातीय दलों के द्वारा नृत्य की प्रस्तुति दी गई। श्रावण माह की दूसरी सवारी में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव सम्मिलित हुए। उन्होंने श्री महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन के सभामंडप में सपरिवार भगवान की विधिवत पूजा अर्चना की । पुजारी घनश्याम शर्मा और आशीष पुजारी द्वारा पूजन संपन्न कराया गया । मुख्यमंत्री डॉ यादव संपूर्ण सवारी मार्ग पर बाबा महाकाल की आराधना और भजन-कीर्तन करते हुए नंगे पांव चले। इस दौरान उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल , नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ,विधायक श्री अनिल जैन कालुहेडा , सतीश मालवीय ,महापौर मुकेश टटवाल , संजय अग्रवाल आदि ने भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन -अर्चन किया और आरती में सम्मिलित हुए।

    सवारी की प्रमुख झलकियां-
    श्रावण माह की भगवान महाकालेश्वर की दूसरी सवारी के दौरान मुख्यमंत्री डॉ यादव पूरे सवारी मार्ग पर डमरु और झांझ मंजीरे बजाते हुए पैदल चले। 8 जनजातीय दलों द्वारा मनमोहक प्रस्तुति दी गई। विदयार्थियों के द्वारा घोष वादन किया गया। श्रध्दालुओं के भोले शंभु भोलेनाथ के जयकारों से संपूर्ण उज्जैन नगरी गुंजायमान हुई। ढाबा रोड व कमरी मार्ग पर लाखों लोगों के बीच से ऐम्बुलेन्स को निकलने के लिए दी जगह। श्रावण मास की दूसरी सवारी के दौरान सवारी मार्ग में रोगी को ले जा रही ऐम्बुलेन्स को सवारी मार्ग में लाखों लोगों के बीच से निकलने के लिए श्रध्दालुओं के द्वारा ढाबा रोड व कमरी मार्ग पर रास्ता प्रदान किया गया। सम्पूर्ण सवारी मार्ग में श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल के उद्घोष के साथ पुष्प वर्षा की। भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में सवार होकर अपनी प्रजा का हाल जानने और भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। पालकी जैसे ही श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में सवार श्री

    चन्द्रमोलेश्वर भगवान को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दिया गया। सवारी मार्ग में स्थान-स्थान पर खडे श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल के घोष के साथ अवन्तिका नगरी के राजाधिराज पालकी में विराजित भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर व हाथी पर आरूढ़ भगवान श्री मनमहेश पर पुष्पवर्षा की।

    मुख्यमंत्री डॉ यादव की पहल पर सवारी में पुलिस बैंड की प्रस्तुति-

    मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंशानुरुप 350 पुलिस के जवानों के द्वारा पुलिस बैंड के माध्यम से नम: शिवाय ॐ नमः शिवाय, हर हर शंभू देवा महादेवा, मेरे घर राम आए है, देवा हो देवा गणपति देवा, ॐ जय शिव ओमकारा ,सत्यम शिवम सुन्दरम आदि शिवभजनों की सु-मधुर धुनों की प्रस्तुतियां दी गई जिस पर श्रद्धालु मंत्र मुग्ध होकर झूमे।

    बाबा महाकाल की एक झलक के लिए असंख्य श्रद्धालु हुए आतुर-

    श्रावण के दूसरे सोमवार पर भगवान की सवारी के दौरान पूरी उज्जैन नगरी शिवमय हो गई। श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी में हजारों भक्त झांझ, मंजीरे, डमरू, ढोल आदि वाद्य बजाते हुए महाकाल की आराधना करते हुए पालकी के साथ चल रहे थे। साथ ही उज्जैंन के बाहर से आये हुए भक्तगण बाबा महाकाल की एक झलक पाने के लिए उत्सुक थे। श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी महाकाल मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट पहुंची। रामघाट पर भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का मुख्यमंत्री डॉ यादव के द्वारा माँ क्षिप्रा के जल से अभिषेक पूजन किया गया। रामघाट के दूसरी तरफ दत्त अखाडा घाट पर वैदिक मंत्रोच्चार व विद्यालीय घोष प्रस्तुत किया गया। साथ ही कलाकार लक्ष्मी तलरेजा के द्वारा भगवान शिव पर आधार‍ित भजन प्रस्तुत किए गए।

    महाकाल की सवारी

    भगवान श्री महाकालेश्वर की पालकी के रामघाट पहुंचने पर शंखनाद किया गया। इसके पश्चात विधिवत भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन अर्चन पं. आशीष गुरु के द्वारा संपन्न करवाया गया और भगवान श्री महाकालेश्वर की आरती की गई। आरती के पश्चात भगवान श्री चंद्रमोलेश्वर स्वरुप में भक्तों का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। इस दौरान भक्तजन बड़ी संख्या में सवारी में सम्मिलित हुए। मुख्‍यमंत्री डॉ यादव ने यहां भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन अर्चन कर प्रदेश की सुख समृद्धि और विकास की कामना की ।

    पूजन के उपरांत भगवान महाकाल की सवारी रामघाट से रामानुज कोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिकचौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक होते हुए गोपाल मंदिर पहुंची।  जहाँ परंपरानुसार सिंधिया स्टेट की ओर से गोपाल मंदिर के पुजारी द्वारा पालकी में विराजित श्री चन्द्रमोलेश्वर का पूजन किया गया। इसके पश्चात सवारी गोपाल मंदिर से पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची। जहाँ पुनः आरती उपरांत सवारी का विश्राम हुआ।
    भारत के विभिन्न 8 जनजातीय कलाकारों के दल ने दी मनमोहक प्रस्तुतियां-  मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मंशानुरूप बाबा श्री महाकालेश्वर की सवारी को भव्य स्वरुप देने के लिए 8 जनजातीय कलाकारों के दल ने श्री महाकालेश्वर भगवान की दूसरी सवारी में सहभागिता की। बाबा श्री महाकालेश्वर की सवारी में जनजातीय दलों ने पारंपरिक वाद्ययंत्रों पर अपने नृत्य से आकर्षक प्रस्तुति देकर कला संस्कृति की अनुपम छटा बिखेरी।

    मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंशानुरूप बाबा महाकाल की सवारी में विभिन्न जनजातीय कलाकार अपनी प्रस्तुति दे सवारी को शोभायमान कर रहें थे, जिसमें श्री छवीलदास भावली के नेतृत्व में नाशिक महाराष्ट्र के जनजातीय सौगी मुखोटा नृत्य एवं अजय कुमार के नेतृत्व में हरियाणा का लोकनृत्य हरियाणवी घुमर के दल ने श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर व शहनाई द्वार के पास अपने साथियों के साथ प्रस्तुति दी। जिसका मुख्यमंत्री डॉ यादव ने अवलोकन किया और प्रशंसा की।  इसी प्रकार श्री खेमराज के नेतृत्व में राजस्थान का गैर-घूमरा जनजातीय नृत्य व श्री रवि अहिरवार के नेतृत्व में मध्यप्रदेश छतरपुर के बरेदी लोकनृत्य की कोट मोहल्ला चौराहे पर प्रस्तुति दी। साथ ही श्री अज्जू सिसोदिया के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में झाबुआ का भगोरिया नृत्य एवं श्री बनेसिंह भाई के नेतृत्व में गुजरात जनजातीय राठ नृत्य दल ने रामानुजकोट पर अपनी संस्कृति व कला का प्रदर्शन अपने लोकनृत्य के माध्यम से किया। माँ क्षिप्रा के तट रामघाट पर उडीसा के लोकनृत्य शंख ध्वनि सुनील कुमार साहू के नेतृत्व में व छत्तीसगढ़ के लोकनृत्य लोकपंथी का दल दिनेश कुमार जागड़े के नेतृत्व में श्री महाकालेश्वर भगवान के सवारी के आगमन पर प्रस्तुति दी। सभी जनजातीय दलों की प्रस्तुतियों को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के द्वारा सराहा गया। सभी जनजातीय दल संस्कृति विभाग भोपाल, जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद व ‍त्रिवेणी कला एवं पुरातत्वव संग्रहालय के माध्यम से भगवान श्री महाकालेश्वर जी की दूसरी सवारी में सहभागिता की। साथ ही उसी दौरान क्षिप्रा तट के दूसरी ओर दत्तअखाड़ा क्षेत्र पर श्री महाकालेश्वर भगवान के सवारी के रामघाट आगमन पर 200 वैदिक बटुको द्वारा वैदिक मंत्रो के उद्घोष के द्वारा भगवान को मन्त्रपुष्पांजलि अर्पित की गई |

    दत्त अखाड़ा से शा.उत्कृष्ट उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय माधव नगर उज्जैन के अतिरिक्त शा.सान्दीपनी उत्कृष्ट विद्यालय बडनगर, विद्यांजलि विद्यालय बडनगर, सरस्वती उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय बडनगर व इम्पीरियल विद्यालय खाचरोद विद्यालयों के कुल 98 विद्यार्थियों द्वारा घोष (बैंड) की प्रस्तुति दी गई ।चलित रथ में लगी एलईडी से श्रद्धालुओं ने किए दर्शन बाबा महाकाल की सवारी के दर्शन के लिए सवारी के आगे और पीछे दो एलईडी लगे 2 रथ चलें , जिस पर सवारी के लाइव प्रसारण के माध्यम से श्रद्धालुओं ने सुगमता पूर्वक दर्शन किए। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा सवारी के अतिरिक्त प्रतिदिन लाइव रथ पर श्री महाकालेश्वर भगवान के गर्भगृह दर्शन का लाइव प्रसारण किया जा रहा है। लाइव दर्शन एवं लाइव टेलीकास्ट हेतु हाईटेक चार बड़ी एलईडी वाहनों लाईव एलईडी रथ के माध्यम से फ्रीगंज क्षेत्र, दत्त अखाड़ा क्षेत्र ,श्री महाकालेश्वर त्रिवेणी द्वार व उज्जैन के प्रमुख मार्गो पर भक्तों के द्वारा लाइव प्रसारण देखा गया।