- पं. दुबे ने बताया कथा का महत्व, पूर्णाहुति पर हुआ हवन-पूजन
देवास। ग्राम छोटी चुरलाई स्थित राजपूत धर्मशाला में शिवमहापुराण कथा की पूर्णाहुित हुई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और भगवान शिव की महिमा का श्रवण किया।
पं. शुभम दुबे (अरण्या वाले) ने अपनी ओजस्वी वाणी में भगवान शिव की लीलाओं, भक्ति के महत्व और मोक्षदायी तत्वों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शिवमहापुराण प्रमुख 18 पुराणों में से एक है, जिसमें भगवान शिव की महिमा, सृष्टि की उत्पत्ति और भक्ति का महत्व बताया गया है। इसके श्रवण से संकटों व पापों का नाश, मोक्ष की प्राप्ति होती है। पं. दुबे ने कहा, कि भगवान शिव केवल संहारक ही नहीं, बल्कि पालनकर्ता और कल्याणकारी भी हैं। उनकी भक्ति से सभी दुखों का अंत होता है और आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।
कथा के समापन अवसर पर मध्यप्रदेश शासन से सम्मानित युवा कृषक धर्मेंद्रसिंह राजपूत ने पं. शुभम दुबे का पुष्पमाला से अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि शिवमहापुराण केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन को दिशा देने वाला मार्गदर्शक है।
हर-हर महादेव के जयकारों से गूंजा वातावरण-
कथा के अंतिम दिन “हर हर महादेव” के जयकारों से संपूर्ण वातावरण शिवमय हो गया। भक्तों ने भगवान शिव की आराधना की और कथा उपरांत हवन-यज्ञ कर प्रसाद वितरण किया गया।