– जिले में गेहूं उपार्जन प्रारंभ, उपार्जन केंद्रों का कलेक्टर ने किया निरीक्षण
– गेहूं की गुणवत्ता, तौल व्यवस्था, उत्पादन, मंडी दर के संबंध में किसानों से किया संवाद
देवास। कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने स्टील सायलो दुर्गापुरा में स्थापित 7 उपार्जन केंद्रों पर किसानों को तिलक लगाकर, साफा बांधकर एवं मिठाई खिलाकर उपार्जन कार्य का शुभारंभ किया। किसानों से गेहूं की गुणवत्ता, तौल व्यवस्था, गेहूं उत्पादन, मंडी दर आदि व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी भी ली। साथ ही स्टील सायलो की हाइड्रोलिक तौल व्यवस्था, स्टोरेज प्लांट का निरीक्षण भी किया।
कलेक्टर श्री गुप्ता ने शासकीय वेयर हाउस सिया में स्थापित 3 उपार्जन केंद्र सेवा सहकारी संस्था देवास, उपकेन्द्र, बैरागढ में भी उपार्जन कार्य का शुभारंभ किया। विकासखंड टोंकखुर्द में गंगा वेयर हाउस स्थित सेवा सहकारी संस्था टोंककला, टोंकखुर्द स्थित सेवा सहकारी संस्था जमोनिया, आदिनाथ वेयर हाउस स्थित वृहत्ताकार संस्था टोंकखुर्द तथा कंचन वेयर हाउस स्थित सेवा सहकारी संस्था संवरसी उपार्जन केंद्रों का निरीक्षण किया। समस्त उपार्जन केंद्रों में कृषकों से उपार्जन व्यवस्था के संबंध में चर्चा की एवं सभी उपार्जन केंद्रों को शासन नियमानुसार कृषक सुविधा, तौल, गुणवत्ता मापदंड का पालन करने के लिए निर्देशित किया।
निरीक्षण के दौरान दौरान जिला आपूर्ति अधिकारी शालू वर्मा, उपायुक्त सहकारिता परमानंद गोडारिया, एसडीएम टोंकखुर्द कन्हैयालाल तिवारी, जिला प्रबंधक वेयरहाउसिंग संतोष खलको, तहसीलदार दीपिका परमार, तहसीलदार राकेश यादव एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
गेहूं उपार्जन के लिए 31 मार्च तक पंजीयन का कार्य किया जा रहा है। गेहूं उपार्जन के लिए जिले में 134 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। जिले में अनुभाग देवास में 21, सोनकच्छ 15, टोंकखुर्द में 11, बागली में 10, उदयनगर में 6, हाटपिपल्या में 12, कन्नौद में 16, सतवास में 14 एवं खातेगांव में 29 केन्द्र बनाए गए हैं। किसानों को नजदीकी उपार्जन केंद्र में तौल करने के लिए गतवर्ष अनुसार स्लॉट सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिसमें किसान अपनी प्राथमिकता से दिनांक एवं समय का चयन कर तौल करा सकते हैं। उपार्जन केंद्रों पर तौल कांटा, छन्ना, सिलाई मशीन, किसानों की सुविधा के लिए छाया, पानी, टेंट, कुर्सी आदि की व्यवस्था की गई है।
प्रत्येक उपार्जन केंद्रों पर गेहूं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सर्वेयर के साथ-साथ गुणवत्ता नियंत्रण दल का गठन किया गया है, जिसमें स्थानीय पटवारी, पंचायत सचिव, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं समिति प्रबंधक नियुक्त किए गए हैं। दल उपज की गुणवत्ता एफएक्यू चेक करेंगे। यदि गुणवत्ता के संबंध में कोई संशय होता है तो उपार्जन केंद्रों पर उपज को अपग्रेड करने के लिए छन्ना उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे किसान गेहूं अपग्रेड कर सकते हैं।
किसानों को विक्रय पश्चात् आधार लिंक खाते में भुगतान किया जाएगा। शासन के निर्देशानुसार उपार्जन केन्द्रों पर फ्लेट तौल कांटा प्रतिबंधित है। यदि किसी उपार्जन केन्द्र अथवा गोदाम संचालन द्वारा उपार्जन तौल के संबंध में नियमों का उल्लंघन पाया जाता है तो उनके विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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