धर्म-अध्यात्म

आग लगी संसार में और झर झर पड़े अंगार संत ना होते जगत में तो जल मरता संसार – महेश गुरुजी

देवास (विजेंद्रसिंह ठाकुर)। सोनकच्छ के समीप सिद्ध स्थान श्री देवनारायण मंदिर सतबल्डी अभयपुर में उज्जैन से पधारे राष्ट्रीय संत महेश गुरुजी ने कथा सुनाते हुए कहा, कि आग लगी संसार में और झर-झर पड़े अंगार, संत ना होते जगत में तो जल मरता संसार। सनातन धर्म में संतों का बहुत महत्व है। सनातन धर्म की ध्वजा को लहराते हुए सही मार्ग पर ले जाने का कार्य इस समय संत ही कर रहे हैं। इससे धर्म मजबूत होता जा रहा है। उन्होंने कहा, कि कलयुग में एक मात्र हरिनाम संकीर्तन ही साधन है जो हमे भव पार और कल्याण की और ले जा सकता है। उन्होंने कहा, कि हमारे सनातन धर्म में गोमाता सबसे बड़ी मां है, क्योंकि इनमें 33 कोटि देवता विराजमान है। हमने अगर गोसेवा कर ली समझ लो चारों धाम की यात्रा कर ली। यही मोक्ष का धाम है। उन्होंने कहा, कि इस समय गोमाता की बहुत दुर्दशा हो रही है। लोगों ने घरों से बाहर निकाल दिया है। सड़कों पर एक्सीडेंट की शिकार हो रही है। ऐसा चलता रहा तो हमें आगे बहुत मुसीबत का सामना करना पड़ेगा, इसलिए हर घर में गोसेवा होना चाहिए। गोपाल ठाकुर ने बताया कथा में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक सज्जनसिंह वर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष लीला अटारिया, जनपद अध्यक्ष सूरजसिंह ठाकुर, जिला पंचायत सदस्य महेंद्रसिंह तालोद, महेंद्रसिंह गवखेड़ी, विजेंद्रसिंह ठाकुर टोंकखुर्द उपस्थित थे। सभी ने कथा श्रवण कर महाराज श्री से आशीर्वाद लिया।

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