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कलाव्योम फाउंडेशन ने देव बड़ला में किया “लोक विरासत यात्रा” का आयोजन

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इतिहास, संस्कृति और लोक परंपराओं से जुड़ी अमूल्य धरोहरों को सहेजने का प्रयास

देवास। कलाव्योम फाउंडेशन की पहल “लोक विरासत यात्रा” का आयोजन देव बड़ला में किया गया।

इस आयोजन का उद्देश्य क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहरों और लोक परंपराओं के संरक्षण तथा उनके प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना था। देव बड़ला का इतिहास परमार राजवंश (9वीं से 14वीं शताब्दी) से जुड़ा हुआ माना जाता है। वर्ष 2016 से यहां पुरातत्त्व विभाग द्वारा जारी उत्खनन के दौरान अब तक लगभग 15 मंदिरों के अवशेष प्राप्त हुए हैं, जिनमें से दो मंदिरों का आंशिक पुनर्स्थापन भी किया गया है। लोक विरासत यात्रा में युवाओं, कलाकारों और स्थानीय प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

कलाव्योम फाउंडेशन के अध्यक्ष अशोक श्रीमाल ने बताया, कि कलाव्योम का उद्देश्य ऐसे आयोजनों के माध्यम से ऐतिहासिक स्थलों पर सांस्कृतिक संवाद स्थापित करना और इतिहास व परंपराओं को जनमानस से जोड़ना है।

इस अवसर पर क्षेत्रीय इतिहास, स्थापत्य एवं लोक जीवन पर एक संवाद सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें विशेषज्ञ विजेंद्र सिंह भाटी ने देव बड़ला के पुरातात्त्विक महत्व और उसकी सांस्कृतिक संभावनाओं पर अपने विचार साझा किए।

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