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5 जातियों को पिछड़ा वर्ग सूची में सम्मिलित करने के लिए हुई जनसुनवाई

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– पिछड़ी जातियों के प्रतिनिधियों ने जन सुनवाई में शिरकत की

भोपाल। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने शुक्रवार को मध्यप्रदेश राज्य की पिछड़ा वर्ग सूची में सम्मिलित 05 जातियों को केंद्रीय सूची में सम्मिलित करने के लिए जनसुनवाई की। इसमें कलार (जायसवाल), कुड़मी, दमामी, फूलमाली (फूलमारी) एवं लोढ़ा (तंवर) वर्ग के जनप्रतिनिधियों ने शिरकत की। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त) हंसराज गंगाराम अहीर ने श्यामला हिल्स स्थित मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई की अध्यक्षता की।

इसमें पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सलाहकार राजेश यादव, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य भुवन भूषण कमल और भारत सरकार के राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अवर सचिव योगेश ढींगरा भी शामिल हुए।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री अहीर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हर जाति को उसका हक दिलाने के लिए आयोग कार्यरत है। उन्होंने विभाग से त्रुटियों में सुधार करने को लेकर निर्देशित किया है। आयोग अध्यक्ष श्री अहीर ने एक माह में पुनः रिव्यू करने की बात कही।

जन सुनवाई में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती गौर ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों समेत कार्यक्रम में पहुंचे अधिकारियों और संबंधित जातियों के प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सर्वे रिपोर्ट की कमियों को जल्द से जल्द पूरा कर सर्वे रिपोर्ट राष्ट्रीय आयोग को भेजी जाएगी। संबंधित जातियों की समस्याओं को सुन जल्द समाधान करने का भी उन्होंने आश्वासन दिया।

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मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया ने भी राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि सामाजिक, शैक्षणिक और सेवा में पिछड़े वर्गों को उनका हक दिलाने के लिए हम तत्परता से कार्य कर रहे हैं।

मध्यप्रदेश शासन, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकीय विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद से 32 जाति / उपजाति/वर्ग समूह के सामाजिक, शैक्षणिक एवं सेवा में पिछड़ेपन के आंकड़े एकत्रित करने के लिए सर्वे कार्य कराया गया था। लगभग 6 माह के फील्ड सर्वे के बाद मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा उक्त जातियों के आंकड़े शासन को प्रस्तुत किए गये। इन आंकड़ों का अध्ययन करने के लिये जन सुनवाई का आयोजन किया गया था।

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जन सुनवाई में मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य सीताराम यादव, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अजीत केसरी, अपर सचिव अनुराग चौधरी, आयुक्त सौरभ के. सुमन, सचिव डॉ. नीलेश देसाई सम्मिलित रहे।

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