मॉडलों और पोस्टरों के माध्यम से जाना स्वामी विवेकानंद के विचारों को
भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के स्कूल के प्रयास सराहनीय- डॉ. शंकर नाखे
लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए निरंतर कड़ी मेहनत करें- प्राचार्य कांचन तारे
इंदौर। राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर श्री श्री रविशंकर विद्या मंदिर में आयोजित एक भव्य और प्रेरणादायक वार्षिक प्रदर्शनी ने सभी का मन मोह लिया।
इस बार की थीम थी – ‘स्वामी विवेकानंद: प्रतिभा का बहुरूपदर्शक’, जो भारत के महानतम महापुरुषों में से एक, स्वामी विवेकानंद के जीवन, आदर्शों और उनके दर्शन को जीवंत रूप में प्रस्तुत करने के लिए समर्पित थी। प्रदर्शनी में न केवल स्वामी विवेकानंद के जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को दर्शाया गया, बल्कि भारतीय संस्कृति और मूल्यों को भी बखूबी उजागर किया गया। विद्यार्थियों और शिक्षकों के सामूहिक प्रयास से बनाए गए रचनात्मक मॉडलों और पोस्टरों ने स्वामी विवेकानंद के योगदान को प्रभावी ढंग से प्रदर्शित किया।
स्कूल के प्रयास की सराहना-
प्रदर्शनी का उद्घाटन जाने-माने व्यक्तित्व और आरआर कैट, इंदौर के सेवानिवृत्त निदेशक डॉ. शंकर नाखे ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में स्वामी विवेकानंद के आदर्शों, विचारों और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने में स्कूल के प्रयासों की सराहना की।
सांस्कृतिक कार्यक्रम ने जीता दिल-
इस दौरान छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम ने सबका दिल जीत लिया। योग प्रदर्शन, प्रेरणादायक नाटिकाएं, पारंपरिक नृत्य और सुमधुर गीतों की प्रस्तुति की तालियां बजाकर उपस्थित लोगों ने सराहना की। हर प्रस्तुति स्वामी विवेकानंद के आदर्शों और उनकी शिक्षाओं को दर्शाने वाली थी, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रदर्शनी की झलकियां-
स्वामी विवेकानंद के जीवन के प्रेरणादायक क्षणों को पोस्टरों, चार्ट्स और मॉडलों के माध्यम से बखूबी दर्शाया गया। उनकी शिकागो यात्रा, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भूमिका और वैश्विक आध्यात्मिकता में उनके योगदान को बहुत ही रचनात्मक और रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया। इन प्रदर्शनियों ने दर्शकों को भारतीय संस्कृति और दर्शन के महत्व को समझने के लिए प्रेरित किया।
विवेकानंद जी के सद्गुणों को अपनाएं-
विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती कांचन तारे ने अपने भाषण में विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद के सद्गुणों को अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया, कि वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए निरंतर कड़ी मेहनत करें और अपने जीवन में विवेकानंद के आदर्शों को स्थान दें।
आयोजन की पेरेंट्स ने की सराहना-
पेरेंट्स ने इस आयोजन को न केवल एक ज्ञानवर्धक प्रयास बताया, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक विरासत और मूल्यों को बढ़ावा देने का एक अनूठा माध्यम बताया। उन्होंने कहा, कि स्वामी विवेकानंद की शिक्षा आज भी हमें प्रेरित करती है और युवा पीढ़ी को सही दिशा में मार्गदर्शन देती है। यह आयोजन ज्ञान, कला और संस्कृति के संगम है।