धर्म-अध्यात्म

सामाजिक कुरीतियों से दूरी बनाते हुए किया अंतर्जातीय विवाह

देवास। आनन्द मार्ग प्रचारक संघ देवास के सचिव आचार्य शांतव्रतानंद अवधूत ने बताया कि आनंद मार्ग के प्रवर्तक श्री श्री आनंदमूर्ति द्वारा अंतर्जातीय (क्रांतिकारी) विवाह को प्राथमिकता देते हुए विप्लवी विवाह की पहल इसलिए की थी कि आज समाज में फैली कुरीतियों दहेज प्रथा, खर्चीली शादियां कम हो। आनंद मार्ग जात-पात को नहीं मानता है, क्योंकि मानव-मानव एक है। मानव का धर्म एक है। सभी परमपुरुष की संतान है, इसलिए जातिगत भेदभाव क्यों। इसी तारतम्य में आनंद मार्ग प्रचारक संघ रेहटी यूनिट में बालकृष्ण माहेश्वरी के सुपुत्र गुणातीत एवं कटिहार (बिहार) के अमरेन्द्र की सुपुत्री आयुष्मती निधि घोष का विवाह 27 नवंबर को सानंद सम्पन्न हुआ। इनका विवाह आचार्या आनन्दप्रभा अवधूतिका एवं आचार्य मंत्रचेतनानंद अवधूत के पौरोहित्य में सम्पन्न हुआ। इसके पूर्व भी माहेश्वरी के बड़े बेटे अभिवृत का भी विप्लवी विवाह आनंद मार्ग पद्धति से से सम्पन्न हो चुका है।

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