देवास। जीवन में सुख-शांति की खोज में भटकने के बजाय अगर हम सत्संग से जुड़ें, तो सच्चा आनंद और सही दिशा मिल सकती है। सत्संग आत्मा का भोजन है, जो मन को शुद्ध करता है और सही राह दिखाता है।
यह संदेश ग्राम बड़ी चुरलाई में गुरु गंगदासजी महाराज मेला उत्सव के दौरान आयोजित तीन दिवसीय सत्संग-प्रवचन के प्रथम दिवस दीदी मां साध्वी ऋतंभरा जी की शिष्या साध्वी सत्यकीर्ति दीदी एवं साध्वी सत्यमूर्ति दीदी ने दिए।
उन्होंने बताया, कि श्रेष्ठ कर्म, संयमित जीवन और भक्ति से ही मनुष्य को सच्चा सुख मिलता है। अगर हम रोज प्रवचन सुनें, संतों के बताए मार्ग पर चलें, तो जीवन की परेशानियों से मुक्त होकर प्रसन्न रह सकते हैं। साध्वी जी ने श्रद्धालुओं को सत्संग का महत्व समझाते हुए कहा, कि जो व्यक्ति अपने विचारों को शुद्ध रखता है और ईश्वर में आस्था रखता है, वह हर परिस्थिति में संतुष्ट रहता है।
मध्यप्रदेश शासन से सम्मानित युवा कृषक धर्मेंद्रसिंह राजपूत ने साध्वी जी का स्वागत कर उनका आशीर्वाद लिया। आयोजन समिति ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे सत्संग और मेले में शामिल होकर धर्मलाभ प्राप्त करें और अपने जीवन को सार्थक बनाएं।
गुरु गंगदासजी महाराज के समाधि स्थल में आयोजित यह सत्संग 28 मार्च तक प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चलेगा।
मेले का आयोजन-
सत्संग के साथ-साथ मेले का आयोजन भी किया गया है, जिसमें रंग-बिरंगे झूले, तरह-तरह की दुकानें और मनोरंजन के अनेक साधन मौजूद हैं। बच्चों और बड़ों के लिए यह मेला आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।