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युवा किसान उन्नत खेती से कमा रहे बड़ा मुनाफा, व्यापारी खेत पर ही कर रहे सौदा

ByNews Desk

Mar 6, 2025
Dewas news
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बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। खेती में नवाचार और उन्नत तकनीकों को अपनाकर युवा किसान अब अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। जहां अधिकतर किसान पारंपरिक खेती पर निर्भर हैं, वहीं कुछ किसानों ने उन्नत खेती को अपनाकर सफलता की नई इबारत लिखी है।

रंगवासा, राऊ, तिल्लोर और खजराना जैसे शहरी क्षेत्रों में अपनी छोटी जमीन करोड़ों में बेचने के बाद कुछ किसान ग्रामीण इलाकों में आकर बड़े पैमाने पर खेती कर रहे हैं। यह किसान आधुनिक तकनीक, नई फसलों और बेहतर मार्केटिंग रणनीतियों का उपयोग कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।

सलाद गाजर से लाखों का मुनाफा-
इन्हीं उन्नत किसानों में से एक हैं 25 वर्षीय गोलू पाटीदार, जिन्होंने 18 बीघा भूमि पर सलाद गाजर की खेती की है। उनकी इस फसल की गुणवत्ता और उत्पादन देखकर सभी किसान दंग हैं। इस फसल में 300 से 400 कट्टे प्रति बीघा का उत्पादन हो रहा है। गोलू पाटीदार ने बताया कि उन्होंने अल्मड़ा रोमाट कंपनी का बीज इस्तेमाल किया, जिसमें 12 किलो बीज 15 हजार रुपए प्रति किलो की दर से खरीदा। केवल 5-6 सिंचाई के बाद 100 से 105 दिन में यह फसल तैयार हो गई।

खेत से ही व्यापारी कर रहे खरीदारी-
इस फसल की सबसे खास बात यह है कि व्यापारियों को दूर शहरों के बाजारों तक जाने की जरूरत नहीं पड़ रही है। व्यापारी सीधे खेत पर आकर 7 रुपए प्रति किलो के हिसाब से सौदा कर रहे हैं और वहीं से माल उठाकर ले जा रहे हैं।
गोलू पाटीदार के मुताबिक, लागत काटकर प्रति बीघा 70 हजार रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ। वहीं, क्षेत्र के अन्य किसान हरि पाटीदार और कृष्णा पाटीदार ने भी यही फसल उगाई, जिससे उन्हें 75 हजार रुपए प्रति बीघा तक का मुनाफा हुआ।

मजदूरों को भी हो रहा बड़ा फायदा-
इस फसल में बड़ी संख्या में मजदूरों की जरूरत पड़ रही है, जिससे स्थानीय मजदूरों को भी अच्छा लाभ मिल रहा है। मजदूरी 50 प्रति कट्टा दी जा रही है।
एक मजदूर एक दिन में 8-10 कट्टे निकाल रहा है, जिससे उन्हें 400-500 रुपए तक की दिहाड़ी मिल रही है। मजदूरों की अधिक मांग के चलते आसपास के गांवों के अलावा सेंधवा से भी मजदूर बुलाए गए।इस काम में महिला, पुरुष और बच्चे सभी शामिल हैं।

यह एक अभिनव प्रयोग-
वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी काशीराम चौहान ने बताया कि यह एक अभिनव प्रयोग है, जिसे प्रोत्साहित करने की जरूरत है। हालांकि, इस फसल का बाजार दूर होने की वजह से किसानों की रुचि अभी कम है। उन्होंने सलाह दी कि इस फसल की खेती करने से पहले व्यापारियों से सौदा पक्का कर लेना चाहिए, ताकि किसानों को कोई नुकसान न हो।

क्या है सलाद गाजर?
सलाद गाजर भी एक कंद फसल है, जो उन्नत किस्म की होती है। इस गाजर को कोल्ड स्टोरेज में सुरक्षित रखा जा सकता है और समय आने पर अच्छे दामों में बेचा जा सकता है। व्यापारी इस गाजर को कोल्ड स्टोरेज में सहेजकर रखते हैं और फिर शादी-विवाह, बड़े समारोहों और हाई-फाई पार्टियों में ऊंचे दामों पर बेचते हैं।

सलाद गाजर के फायदे:
✔ लंबे समय तक कोल्ड स्टोरेज में सुरक्षित रख सकते हैं।
✔ बाजार में मांग अधिक, कीमत स्थिर।
✔ कम सिंचाई और कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा।
✔ व्यापारियों को खेत से ही फसल मिल जाती है, जिससे ट्रांसपोर्टेशन का खर्च कम हो जाता है।

किसानों को क्या सीख मिलती है?
गोलू पाटीदार जैसे युवा किसानों ने साबित कर दिया है कि अगर सही फसल, सही तकनीक और सही मार्केटिंग प्लानिंग हो, तो खेती में भी लाखों का मुनाफा कमाया जा सकता है। क्षेत्र के अन्य किसान भी इस उन्नत खेती से प्रेरणा ले रहे हैं और आने वाले समय में यह फसल और अधिक लोकप्रिय हो सकती है। अगर किसान परंपरागत खेती से आगे बढ़कर नई तकनीकों को अपनाएं, तो खेती भी एक फायदेमंद बिजनेस बन सकती है।

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