वर्षा ऋतु में पशुओं की देखभाल के लिए पशुपालक जागरुक रहें

Posted by

सीहोर। बदलते मौसम में जहां मानव जीवन के स्वास्थ्य सुरक्षा पर फोकस जरूरी है, वहीं पशुधन की भी वर्षा ऋतु में देखभाल बहुत आवश्यक है।

पशुपालन विभाग की ओर से विशेष जागरूकता अभियान चलाकर पशुपालकों को उनके पशुओं की देखभाल करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

इस मौसम में वातावरण में आई नमी में बढ़ोतरी के कारण पशुओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। जीवाणु, विषाणु फफूंद जनित एवं पशु परजीवियों जैसे जूं, मक्खी व मच्छरों से होने वाली सभी प्रकार की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने बताया कि विभाग पशुपालकों को पशुओं की देखभाल के लिए जागरुक कर रहा है। बरसात के मौसम में पशुपालकों को पशुओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पशुओं को सूखे स्थान पर रखें, जहां पर हवा व धूप की मात्रा पर्याप्त में हो। साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखें। पशुओं को यदि पक्के फर्श पर रखा जाता है तो उस स्थान पर सप्ताह में कम से कम दो बार कीटाणुनाशक दवाई से सफाई करें।

परजीवियों से बचाव के लिए पशुपालक पशु बाड़े में मच्छरदानी का प्रयोग करें तथा समय-समय पर नजदीकी पशु चिकित्सक से परामर्श करके परजीवियों से बचाव के लिए दवाइयां व जानकारी प्राप्त करें। पशुओं के खुरों को समय-समय पर साफ करते रहें, क्योंकि इस मौसम में फफूंद को बढ़ावा मिलता है।

पशुओं को समय पर पेट के कीड़ों की दवाई दें व नियमित टीकाकरण करायें। अगर किसी भी बीमारी का लक्षण पशुओं में दिखाई दे तो तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सालय से सम्पर्क करें तथा पशु चिकित्सक की सलाह से उचित उपचार करवाएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *