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श्रावण मास के पहले दिन शिव मंदिरों में भक्तो का ताँता लगा

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बाबा महाकाल की विशेष भस्मारती की गई
उज्जैन। श्रावण मास भगवान शंकर का सबसे प्रिय माह माना गया है। मान्यता है कि श्रावण माह में शिव आराधना करने से सभी कष्टो से तुरन्त मुक्ति मिलती है। महाकालेश्वर मन्दिर में श्रद्धालु देर रात से कतार में दर्शन हेतु खड़े हो गए थे ।श्रावण के पहले दिन महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की विशेष भस्मारती की गई। भस्मारती के पहले बाबा को जल से नहलाकर महा पंचामृत अभिषेक किया गया जिसमे दूध, दही, घी, शहद व फलो के रसो से अभिषेक हुआ। तडके तीन बजे बाबा महाकाल की भस्मारती शुरू हुई जिसके हजारो श्रद्धालुओं ने दर्शन लाभ लिए। अभिषेक के बाद भांग और चन्दन से भोलेनाथ का आकर्षक श्रंगार किया गया और भगवान को वस्त्र धारण कराये गए। तत्पश्चात बाबा को भस्म चढाई गई। भस्मिभूत होने के बाद झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े व शंखनाद के साथ बाबा की भस्मार्ती की गई। भक्त आज के दिन का विशेष इंतजार करते हैं, इसलिए आज महाकाल के दरबार में सुबह से ही उत्साह और आनंद का माहोल हैं। कोरोना के दो वर्ष बाद यह पहला अवसर है जब श्रावण माह में भक्तों पर किसी प्रकार की कोई पाबंदी नही है। यही कारण है कि भक्तों में काफी उत्साह है।

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