देवास। जिस नाभि से हम बहकर आए, वह भवसागर है। 9-10 मास में हमारे प्राण पुरुष का मंदिर (देह) तैयार…
देवास। मेरा तेरा कुछ है नहीं जो कछु है सो तोर। तेरा तुझको सौंपता क्या लागत है मोर। सांसारिक जगत…
देवास। श्वास जब तक चल रही है तो हमारा ध्यान नहीं है। ध्यान जब श्वास पर जाएगा, सब आवरण खत्म…
देवास। गम समान भोजन नहीं, जो करी जाने कोई। गम यानी समझ। जो कोई मानव गम पर आ गया, समझ…
देवास। जैसे सूर्य का उदय और अस्त होना है, वैसे ही शरीर का भी मां की योनि से उदय और…
देवास। राम भी रोज प्रकट होते हैं और साहेब कबीर भी रोज प्रकट होते हैं। पांचों तत्व, तीन गुण यह…
क्षिप्रा (राजेश बराना)। सामाजिक एवं धार्मिक संदेश के साथ संत कबीरदास की रथयात्रा शिप्रा जिला इंदौर पहुंची। गांव के सरपंच…
देवास। गीता पढ़कर कोई कृष्ण नहीं बन सकता और ना कोई किताब पढ़कर कबीर बन सकता है, लेकिन हम उनके…
देवास। सरवर, तरवर, संत जना, मेघ यह सब परमार्थ का कार्य करते हैं। सरवर यानी तालाब, नदी नाले सरवर के…
– महामंडलेश्वर मनोज बाबा ने की सद्गुरु मंगलनाम साहेब से भेंट देवास। शरीर ही शरीर को मिटा रहा है। जीव…