देवास। मेरा तेरा कुछ है नहीं जो कछु है सो तोर। तेरा तुझको सौंपता क्या लागत है मोर। सांसारिक जगत में लोग मेरा तेरा करके झगड़ रहे हैं। यह भाई मेरा, यह मां मेरी, यह पत्नी मेरी, पिता मेरा, धन संपदा मेरी है।
साहेब कहते हैं, कि तेरा है तो क्यों मरने दे रहा है। मेरा तेरा करते सब मरते जा रहे हैं। अगर तेरा है तो मरने क्यों दे रहा है। तेरी सीमा में भाई-बन्धुओ को, परिजनों को यमराज छीनकर ले जा रहा है और तू हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठा है। संसार मेरे- तेरे में ही जकड़ा हुआ है। जबकि है कुछ नहीं जो है वह सब परमात्मा का है।
यह विचार सद्गुरु मंगल नाम साहेब ने सदगुरु कबीर सर्वहारा प्रार्थना स्थलीय सेवा समिति मंगल मार्ग टेकरी द्वारा आयोजित तीन दिवसीय गुरुपूजा, गुरुदर्शन महोत्सव के तीसरे दिन मंगलवार को व्यक्त किए।
उन्होंने आगे कहा, कि नजरिया बदल लो जो बुराई नजर आती है उसे अच्छाई में बदलो, समझो। जो वास्तव में होना ही है, उसको स्वीकार करना समझना पड़ेगा। प्रकाश, ज्ञान हमेशा तुम्हारे साथ है, लेकिन तुम सांसारिक मोह और माया के बंधन में बंधे हो। तुम नजरिया बदलना नहीं चाहते। गुरु के साथ मिलकर के समझो बुझो। जब नजरिया बदल जाएगा तो दुनिया की समस्त बुराई छुप जाएगी। अच्छाई ही अच्छाई नजर आएगी।
उन्होंने कहा, कि नजर तो देखने का काम करती है, लेकिन समझने का काम तो बुद्धि ही करती है। बुद्धि जब समझ जाती है तो नजरिया बदल जाता है। फिर तुम्हें इस सांसारिक जगत में अच्छा ही अच्छा नजर आएगा। इस दौरान साध संगत द्वारा सद्गुरु मंगलनाम। साहेब का शाल, श्रीफल भेंटकर पुष्पमालाओं से सम्मान किया। कार्यक्रम पश्चात महाप्रसाद का वितरण किया गया। यह जानकारी सेवक राजेंद्र चौहान ने दी।
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