स्वस्थ मन-स्वस्थ शरीर व स्वच्छता के संकल्प के साथ भंडारे में लिया महाप्रसाद का लाभ

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  • दिगंबरा श्रीपाद वल्लभ दिगंबरा… जय घोष के साथ भक्त पहुंचे बांगर

देवास। श्री दत्त जयंती के उपलक्ष्य में पिछले 49 सालों से बांगर में हो रहे भंडारे में इस वर्ष भी हजारों की संख्या में भक्त पहुंचे। न केवल मध्यप्रदेश बल्कि देश के अन्य राज्यों से भी भक्त भंडारे में शामिल हुए। श्रीदत्त पादुका मंदिर बांगर परिसर प्रांगण में दिगंबरा श्रीपाद वल्लभ दिगंबरा का जयघोष सुनाई दिया।

भगवान दत्तात्रेय

प्रातः 11 बजे भगवान श्री दत्तात्रेय की आरती के बाद भंडारा प्रारंभ हुआ जो देर शाम तक चलता रहा। इसमें महिला-पुरुष की चार अलग-अलग कतार लगाकर व्यवस्था को बनाया गया। 50 हजार से अधिक भक्तों ने महाप्रसाद का आनंद लिया। मंदिर व्यवस्थापक और पुजारी श्रीदत्त प्रसाद कुलकर्णी ने बताया, कि भंडारे की तैयारी दो दिन पूर्व से ही प्रारंभ हो चुकी थी। देवास, इंदौर, उज्जैन तथा अन्य गांवों के 500 से अधिक दत्त सेवा मंडल के सेवकों ने व्यवस्था संभाल रखी थी।कार्यकर्ता ने अपनी-अपनी पूर्व के भंडारे के अनुरूप जिम्मेदारियां का निर्वाह किया। श्रद्धालुओं ने बड़े उत्साह के साथ महाप्रसाद ग्रहण कर दत्त भगवान का आशीष प्राप्त किया। एक दिवसीय भंडारा सभी ग्रामवासियों एवं दत्त भगवान के भक्तों के सहयोग से संपन्न हुआ। भंडारे के लिए 4 बीघा में टेंट लगाया गया। किसी प्रकार की असुविधा न हो इसका भी विशेष ध्यान रखा गया। पार्किंग और आवागमन के लिए सभी व्यवस्था सुचारू रूप से संपन्न की गई। इसके लिए 6 बीघा खेत में पार्किंग व्यवस्था की गई थी। भंडारे का प्रसाद बनाने का कार्य 24 घंटे पूर्व से ही शुरू हो चुका था।

मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीपाद अवधूत स्वामी ने कहा, कि सभी श्रद्धालु कतार में लगकर भगवान दत्तात्रेय की जय बोलकर दिगंबरा दिगंबरा के जयघोष के साथ दर्शन कर प्रसादी को ग्रहण कर रहे थे। देवास, इंदौर, उज्जैन के साथ ही अन्य नगरों से भी भक्त पधारे। उपस्थित लोगों ने स्वस्थ मन-स्वस्थ शरीर व स्वच्छता के संकल्प को अपनाते हुए महाप्रसादी का लाभ लिया। इस अवसर पर सामूहिक तौर पर लोगों को माइक की सूचना-संदेश के माध्यम से स्वछता की शपथ व संकल्प दिलाया गया। पर्यावरण की दृष्टि से संपूर्ण भंडारे को प्लास्टिक मुक्त रखा गया।

 

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