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    Char Dham Yatra: शुरू हुई चार धाम की यात्रा, इस तारीख से पहले न करें गंगोत्री-यमुनोत्री यात्रा की रजिस्ट्रेशन

    ByNews Desk

    Apr 10, 2023
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    चार धाम की यात्रा अप्रैल के महीने से शुरू हो जाती है। इस बार चार धाम की यात्रा 25 अप्रैल से शुरू हो रही है। उत्तराखंड सरकार के अनुसार, चार धाम की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को पहले रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इससे पहले जानते हैं यमुनोत्री और गंगोत्री तीर्थस्थल के बारे में।

    चार धाम की यात्रा नए साल से शुरू हो जाती है। अप्रैल महीने से शुरू होने वाली इस यात्रा का लोग पूरे साल इंतजार करते हैं। बता दें कि पहली यात्रा अप्रैल के महीने से शुरू होती है। वहीं दूसरी यात्रा अक्टूबर के महीने से शुरू होती है। अगर आप भी गर्मियों में यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि यमुनोत्री और गंगोत्री के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करवाना है। साथ ही चार धाम यात्रा कब से शुरू हो रही है। गंगोत्री और यमुनोत्री पवित्र जगहें हैं। चार धाम की यात्रा के दौरान लोगों को इन दो तीर्थ स्थलों पर जरूर जाना चाहिए।

    चार धाम यात्रा की शुरुआत

    महाशिवरात्रि के दिन उत्तराखंड राज्य सरकार ने तारीखों की घोषणा की थी। राज्य सरकार ने बताया था कि 25 अप्रैल और 27 अप्रैल को केदारनाथ और बद्रीनाथ के पवित्र मंदिरों के कपाट खुलेंगे। साथ ही 22 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट परंपरा के अनुसार खुलेंगे।

    चार धाम यात्रा का रजिस्ट्रेशन

    इस साल चार धाम के लिए उत्तराखंड सरकार ने नए निर्देश जारी किए हैं। सरकार द्वारा जारी किए गए नए निर्देशों के अनुसार, चार धाम यात्रा के लिए उत्तराखंड पहुंचने वाले सभी तीर्थयात्रियों को रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। हालांकि सरकार ने इसके लिए सख्त कदम भी उठाए हैं। जिसके तहत सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रियों को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा। बिना रजिस्ट्रेशन के किसी को भी यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी।

    यमुनोत्री धाम 

    चार धाम तीर्थ यात्रा के चार स्थलों में से एक यमुनोत्री भी है। समुद्र तल से यमुनोत्री 3293 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह उत्तर काशी जिले में आती है। यमुनोत्री चारों ओर से पहाड़ों से घिरी है और भारत-चीन सीमा के पास स्थित है। शांति प्राप्त करने के लिए तीर्थयात्री यमुनोत्री धाम पहुंचते हैं। यमुनोत्री ऋषिकेश से 236 किमी, सान्या चट्टी से 21 किमी, देहरादून से 278 किमी और चंबा से 176 किमी की दूर है।

    ​गंगोत्री मंदिर ​

    गंगोत्री मंदिर 3,100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। गंगोत्री मंदिर देवी गंगा को समर्पित सबसे ऊंचा मंदिर है। बता दें कि यह उत्तराखंड में चार छोटा धाम यात्राओं में से एक है। देवी गंगा श्रद्धेय गंगा नदी का अवतार मानी जाती हैं। शांतिपूर्ण सफेद गंगोत्री मंदिर चारों ओर से देवदार और पाइन और ग्रेटर हिमालयन रेंज से घिरा हुआ है। गंगा की दो प्रमुख धाराओं में पवित्र नदी भागीरथी एक है। जो गंगोत्री मंदिर के किनारे बहती है।

    यमुनोत्री और गंगोत्री की यात्रा

    अगर आप यमुनोत्री और गंगोत्री यात्रा फ्लाइट से करना चाहते हैं तो यहां पर पास में देहरादून का हवाई अड्डा जॉली ग्रांट है।

    वहीं ट्रेन आपको ऋषिकेश तक पहुंचाएगी। इसके बाद आपको प्राइवेट टैक्सियों या बसों के माध्यम से आगे की यात्रा तय कर सकते हैं।

    देहरादून और बरकोट यमुनोत्री की यात्रा के लिए सबसे अच्छा मार्ग है। हरिद्वार-ऋषिकेश से यमुनोत्री जाने वाली सड़क धरासू द्विभाजन बिंदु से हट जाती है।

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