- अमलतास अस्पताल के विशेषज्ञों ने मरीज को दिया नया जीवन
देवास। अमलतास सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉक्टरों ने एक दुर्लभ और जटिल बीमारी मिरिज्जी सिंड्रोम का सफल इलाज कर एक मरीज को नया जीवन दिया।
मरीज उम्र 46 वर्ष को गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा था। मरीज को पित्ताशय की थैली में लगभग 5 सेमी के आकार की दुर्लभ पथरी पाई गई और पिताशय की पथरी लिवर की मुख्य नली (CBD – Common Bile Duct) तक पहुंच गई थी। इससे CBD का ऊपरी हिस्सा पथरी की वजह से फूट गया।
पथरी के कारण लिवर में संक्रमण बढ़ गया था, जिससे लिवर एब्सेस (Liver Abscess) और मवाद बनने लगा। पित्ताशय पूरी तरह से सड़ चुका था, जिसे गॉल ब्लैडर एम्पाइमा (Gall Bladder Empyema) कहा जाता है। मरीज को पेट में असहनीय दर्द था। उसे 15 दिन से बुखार भी रहा था और कुछ भी खाने में असमर्थ था। इस स्थिति में मृत्यु दर बहुत अधिक होती है और मरीज की जान बचाना बेहद चुनौतीपूर्ण था।
सर्जरी के दौरान मरीज के शरीर से 1 लीटर मवाद निकाला गया। पित्ताशय और पथरी को हटाकर लिवर की मुख्य नली (CBD) की मरम्मत की गई। यह ऑपरेशन बेहद जटिल और जोखिमभरा था, जिसे अमलतास अस्पताल की विशेषज्ञ टीम ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में मुख्य सर्जन डॉ. राघवेंद्र प्रताप सिंह, सहायक सर्जन डॉ. किरण शुक्ला, टेक्नीशियन अनिल, निश्चेतन विभाग के डॉ. प्रेमकृष्ण, डॉ. इंद्रानिल, डॉ. समीर का अहम योगदान रहा। उनकी मेहनत और विशेषज्ञता की बदौलत मरीज की स्थिति में तेजी से सुधार हुआ और अब वह स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो रहा है।
अमलतास अस्पताल के चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया ने बताया कि अमलतास अस्पताल ने एक बार फिर अपनी उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाओं और विशेषज्ञता का प्रमाण दिया है। यहां न केवल सामान्य बल्कि गंभीर और दुर्लभ बीमारियों का भी सफलतापूर्वक इलाज संभव है। हमारी अनुभवी मेडिकल टीम अत्याधुनिक तकनीकों और समर्पित सेवा भाव के साथ हर मरीज को बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह उपलब्धि मरीजों के प्रति हमारी जिम्मेदारी और चिकित्सा क्षेत्र में हमारी श्रेष्ठता को दर्शाती है।