मंडला पुलिस ने किया 16 राज्यों में साइबर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश

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– वाट्सएप ग्रुप के जरिए ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठगी, अब तक 7 करोड़ की धोखाधड़ी, 3 आरोपी गिरफ्तार

भोपाल। मंडला पुलिस ने साइबर अपराध के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा करते हुए अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह के तीन सदस्यों को गुजरात से गिरफ्तार किया है। यह गिरोह व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए लोगों को फर्जी ऐप पर ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट का झांसा देकर ठगी करता था। अब तक की जांच में यह सामने आया है कि गिरोह ने 16 राज्यों में लगभग 7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है।

घटना का विवरण-
चौकी अंजनिया, थाना बम्हनी बंजर में एक आवेदक ने शिकायत दर्ज कराई कि उसे व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से ऑनलाइन ट्रेडिंग के लिए प्रेरित किया गया। फर्जी ऐप के जरिए आवेदक के पिता के रिटायरमेंट फंड से 17 लाख रुपये श्री बालाजी ट्रांसपोर्ट के नाम पर एक खाते में जमा कराए गए। ऐप पर प्रारंभ में निवेश को बढ़ता दिखाया गया, लेकिन बाद में अकाउंट में पैसा माइनस दिखने लगा। इस धोखाधड़ी का अहसास होने पर आवेदक ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया।

पुलिस की कार्रवाई-
मंडला पुलिस की साइबर सेल ने नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल और जेमिस/समन्वय पोर्टल का उपयोग कर ठगों की गतिविधियों का पता लगाया। तकनीकी विश्लेषण के आधार पर विशेष टीम गुजरात के अहमदाबाद, गांधीनगर, राजकोट और मेहसाणा में रवाना हुई। वहां की स्थानीय पुलिस और मुखबिरों की सहायता से टीम ने गिरोह के तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया-
विशाल झाला (27 वर्ष): निवासी गांधीनगर गुजरात, लक्ष्मण ठाकौर (47 वर्ष) निवासी गांधीनगर गुजरात एवं नीरव पोपट (43 वर्ष) निवासी अहमदाबाद गुजरात

गिरोह की कार्यप्रणाली-
गिरोह व्हाट्सएप ग्रुप पर लोगों को जोड़कर फर्जी ऐप के जरिए आकर्षक मुनाफा दिखाता था। निवेशकों को आईपीओ खरीदने का झांसा देकर उनके बैंक खातों में पैसे जमा कराए जाते थे। ये ठग फर्जी बैंक अकाउंट और चेकबुक का इस्तेमाल करते थे, जिन पर पहले से हस्ताक्षर ले लिए जाते थे। गिरोह बड़े शहरों में फर्जी कॉल सेंटर चलाकर ठगी करता था।

यह गिरोह 16 राज्यों दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, गुजरात, आंध्रप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, केरल, कर्नाटक, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, बिहार, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में सक्रिय था।

सफलता में शामिल पुलिस टीम-
इस जटिल और गंभीर मामले को सुलझाने में चौकी अंजनिया के प्रभारी उपनिरीक्षक लाखनसिंह राजपूत के नेतृत्व में विशेष टीम ने अहम भूमिका निभाई। टीम में सउनि. अशोक चौधरी, प्र.आर. भूपेन्द्र धुर्वे, आरक्षक सुनील सिंह, कीर्ति कुमार, विलेन्द्र नायक, अंचल बघेल और साइबर सेल मंडला की विशेष भूमिका रही।

पुलिस का संदेश-
मंडला पुलिस जनता से अपील करती है कि किसी भी प्रकार की ऑनलाइन ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट के लिए धनराशि ट्रांसफर करने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करें। साइबर अपराधों से बचाव के लिए सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।किसी भी तरह की धन संबंधी आर्थिक धोखाधड़ी होने पर तत्काल 1930 पर कॉल कर सूचित करें।

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