• Thu. Jul 17th, 2025

    भक्ति जीवन का लक्ष्य है, भक्ति मिल गई तो सब कुछ मिल गया

    ByNews Desk

    Jun 9, 2024
    anand marg
    Share

    देवास। आनन्द मार्ग प्रचारक संघ देवास के भुक्तिप्रधान दीपसिंह तंवर एवं सचिव आचार्य शांतव्रतानंद अवधूत ने बताया कि आनंद नगर में आनंद मार्ग प्रचारक संघ के विश्वस्तरीय धर्म महासम्मेलन में दूसरे दिन देश के विभिन्न भागों से शिष्य पहुंचे।

    साधक साधिकाओं ने ब्रह्म मुहूर्त में गुरु सकाश, पाञ्चजन्य एवं योगासन का अभ्यास अनुभवी आचार्य के निर्देशन में किया। उक्त सम्मेलन में आचार्य अनिर्वनानंद अवधूत, आचार्य रामेन्द्रानंद अवधूत, आचार्य हृदयेश ब्रम्हचारी, आचार्य ब्रम्हबुद्धानंद अवधूत, आचार्य सुभद्रानंद अवधूत, सुनील आनंद आदि उपस्थित थे।

    dharm adhyatm

    संध्याकाल में सामूहिक धर्म चक्र व गुरु वंदना के उपरांत रावा की ओर से प्रभात संगीत पर आधारित नृत्य प्रस्तुत किया गया। विदित हो कि प्रभात संगीत संगीत का एक नया घराना है जिसे आनंद मार्ग के संस्थापक श्रीश्री आनंदमूर्ति ने दिया है। दूसरे दिन 8 जून को जीवन का लक्ष्य विषय पर श्रद्धेय पुरोधा प्रमुख आचार्य विश्व देवानंद अवधूत ने कहा, कि शास्त्रों में तो मोक्ष प्राप्ति के तीन मार्ग बताए गए हैं- ज्ञान, कर्म और भक्ति। जीवन में जितनी भी अनुभूतियां होती है उनमें भक्ति की अनुभूति सर्वश्रेष्ठ है। ज्ञान मार्ग और कर्म मार्ग के माध्यम से मनुष्य भक्ति में प्रतिष्ठित होते हैं। बाबा कहते हैं कि भक्ति मिल गई तो सब कुछ मिल गया तब और कुछ प्राप्त करने को कुछ नहीं बच जाता।

    उन्होंने बताया मोक्ष प्राप्ति के उपाय में भक्ति श्रेष्ठ है। भक्ति आ जाने पर मोक्ष यूं ही प्राप्त हो जाता है। भक्तों में भक्ति होने पर भक्तों की विजय होती है। भक्त और मोक्ष में द्वंद होने पर भक्त की विजय होती है, मोक्ष यूं ही रह जाता है। पुरोधा प्रमुख ने कहा कि परमात्मा कहते हैं मैं भक्तों के साथ रहता हूं, जहां वे मेरा गुणगान करते हैं कीर्तन करते हैं। परम पुरुष के प्रति जो प्रेम है उसे ही भक्ति कहते हैं। निर्मल मन से जब इष्ट का ध्यान किया जाता है तो भक्ति सहज उपलब्ध हो जाती है।उक्त जानकारी संस्था के हेमेंद्र निगम काकू ने दी।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *