धर्म-अध्यात्म

पंच दिवसीय रुद्र राम रामायण महायज्ञ प्रारंभ

– पांच दिन तक एक क्विंटल हवन सामग्री का होगा उपयोग

– 60 गांवों के ग्रामीणों के सहयोग से हो रहा भव्य आयोजन

बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। पर्वतीय स्थल कांगरिया महादेव परिसर में गुरुवार से पंचदिवसीय रुद्र राम रामायण महायज्ञ प्रारंभ हुआ। यज्ञ को लेकर आसपास के गांवों के श्रद्धालुओं में उत्साह का वातावरण है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस आयोजन का लाभ लेने के लिए पहुंच चुके हैं। महायज्ञ का प्रारंभ पूजन-अर्चन के साथ हुआ।

महायज्ञ में यजमान दिलीप धर्मपत्नी बालीबाई, भूरालाल धर्मपत्नी कुंताबाई डबलचौकी के दो जोड़े शामिल हुए। महायज्ञ स्थल को प्राचीन परंपरा अनुसार पत्तों और लकड़ी द्वारा बनाया गया। यज्ञ स्थल को गोबर और गोमूत्र से लिपा गया। केल पत्तों की पूजा करते हुए यह प्रक्रिया पूरी की गई। छाया के लिए जामुन और अन्य औषधीय पेड़-पौधों के पत्तों का उपयोग किया गया। महंत भगवानदास खाकी ने बताया, कि यज्ञ स्थल प्राचीन परंपरा के अनुसार 15 दिन पूर्व मंत्र उपचार के साथ विधि-विधान से निर्मित किया गया। अरणी मंथन अग्नि देव को प्रसन्न करके यज्ञ आरंभ किया गया। 5 दिन तक चलने वाले इस यज्ञ में आसपास के 60 से अधिक गांवों के ग्रामीणाें का सहयोग प्राप्त हुआ है। इन सभी गांवों के ग्रामीण यहां उपस्थिति दर्ज करवाएंगे।

यज्ञ आचार्य पं. महाकाल आचार्य और सुनील पंडित ने बताया, कि यहां पर होने वाले यज्ञ में देसी गाय के दूध से निर्मित घी और प्राकृतिक औषधि का उपयोग किया जा रहा है। इस प्रकार से किया जाने वाला यज्ञ स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होता है। यज्ञ में उपयोग आने वाली पांच चीजों में शामिल घी, जो, तिल, गूगल और पलाश कांगरिया पर्वत से ही उपलब्ध होता है। विद्वानों ने बताया, कि इस यज्ञ में एक क्विंटल हवन सामग्री का उपयोग होगा। यज्ञ के दौरान निकलने वाले हवन धुवे से प्रकृति भी शुद्ध होगी।

गायत्री परिवार से जुड़े केवलराम शर्मा ने बताया कि सनातन धर्म में यज्ञ-हवन का विशेष महत्व है। यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होता है। कोरोना जैसी महामारी से बचने के लिए इस प्रकार के आयुर्वेद यज्ञ बहुत जरूरी है। गौरतलब है, कि इस पर्वत क्षेत्र में आज भी अनेक प्रकार की औषधि और विलुप्त प्रजाति के जंगली जानवर दिखाई देते हैं।

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