देश-विदेश

Euros जब बैंक ने मुझे 500 यूरो का नोट थमा दिया, दिनभर एम्सटर्डम के मार्केट में नहीं चला

– अगर आपके सामने यह परिस्थिति आए तो, ऐसे निपटे

जब मुझे बच्चों के पास जाना था तो मैंने भारतीय स्टेट बैंक से यूरो लिए। मुझे 500 यूरो चाहिए थे। बैंक ने मुझे 500 यूरो का एक नोट दे दिया, यह कहते हुए कि छोटे नोट नहीं हैं।

मैं एम्सटर्डम पहुंचा। मार्केट में मेरा 500 यूरो का नोट कहीं नहीं चला। एक दिन बच्चों के साथ शहर घूम रहा था। दिनभर हमने प्रयास किया कि 500 यूरो का नोट चल जाए लेकिन असफल रहे। शाम को एक एटीएम दिखा। तय किया कि बेटी के एकाउंट में 500 यूरो का नोट जमा कर देता हूं। वही किया। जमा हो गया। बेटी ने 450 यूरो का आहरण लिया। पांच सौ का इसलिए नहीं लिया क्योंकि डर था कि एटीएम से पांच सौ का ही नोट न निकल आए। खैर! हमें पांच, दस, बीस के छोटे नोट मिल गए।

यह वाक्या इसलिए पोस्ट कर रहा हूं क्योंकि हम में से अनेक साथी विदेश जाते रहते हैं। मैं तथा साथीगण कार्ड के साथ-साथ कैश भी साथ लेकर चलते हैं। जरूरी है कि हम डॉलर या यूरो या स्विस फ्रेंक के छोटे नोट ही साथ लेकर चलें। यहां बैंक जैसे भारतीय स्टेट बैंक ने मेरे साथ किया, हमें बड़े नोट दे देते हैं। हमें भूलकर भी बैंक से विदेशी मुद्राओं के बड़े नोट नहीं लेने चाहिए। बहुत परेशानी होती है, इनको मार्केट में चलाने में।
डॉलर यूरो या स्विस फ्रैंक की बहुत कीमत है। इसलिए इनके छोटे नोटों से ही जरूरत की बड़ी से बड़ी मार्केटिंग हो जाती है। डॉलर या यूरो के सबसे बड़े नोट 100 डॉलर या 100 यूरो का ही होता है। भारत में इसके विपरीत 500 तथा दो हजार के नोट होने से इनकी कोई कीमत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं है।

विगत दिवस भारत सरकार ने दो हजार का नोट बंद कर के एक अच्छा कदम उठाया है। सरकार को पांच सौ का भी नोट बंद करना चाहिए। मार्केट में सबसे बड़ा नोट सौ रुपये का ही होना चाहिए। दूसरा नोटबंदी की प्रथा खत्म करनी चाहिए क्योंकि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय रुपए का महत्व कम होता है। अमेरिका या यूरोपीय देशों में नोटबंदी कभी नहीं होती इस कारण इनकी मुद्राओं का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान बना हुआ है। मेरे विचार से ऐसा करने पर रुपये का महत्व भी बढ़ेगा। हो सकता है कि भविष्य में डॉलर या यूरो के समान भारतीय रुपया भी महत्वपूर्ण करेंसी, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बन जाए।

कुल जमा मेरा कहना यही है, कि आवश्यकता होने पर विदेशी मुद्रा के छोटे नोट ही बैंक आदि से लिए जाने चाहिए। अगर बैंक बड़ा नोट दे तो लेने से मना करना ही श्रेयस्कर है।

– ‏अशोक बरोनिया

वरिष्ठ लेखक एवं चिंतक

Advertisement

News Desk

मैं रूपेश मेहता, लगभग 20 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूं। इन वर्षों में कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में कार्य का अवसर मुझे प्राप्त हुआ। किसी भी देश-समाज के उत्थान में सकारात्मक पत्रकारिता का अपना महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मैंने न्यूज वन क्लिक डॉट कॉम के माध्यम से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कार्य प्रारंभ किया है। इस वेबसाइट के माध्यम से मेरा प्रयास रहेगा प्रमुख समाचारों काे स्थान प्रदान करना। वेबसाइट के संचालन में कोई कमियां हो तो आप कमेंट बॉक्स में अपने संदेश अवश्य लिखें। वेबसाइट के संपादक राजेश नागर है। धन्यवाद! आपका- रूपेश मेहता संपर्क: 7000794059 E- mail: rsmehta01 @gmail.com ऑफिस- 05 लक्ष्मी बाग पार्क, पटवर्धन मार्ग (एबी रोड) देवास, मप्र

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button