देश की आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र है उज्जैन और ऊर्जा के श्रोत हैं बाबा महाकाल- मुख्यमंत्री डॉ. यादव

उज्जैन की आघ्यात्मिक धरोहर पूरे विश्व को दे रही है दिशा- केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री शेखावत
उज्जैन में हुआ ग्लोबल स्पिरिचुअल टूरिज्म कॉन्क्लेव रूहMantic
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि उज्जैन देश की आत्मा है। देश की धार्मिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रमुख केंद्र है और इस ऊर्जा का मूल आधार स्वयं बाबा महाकाल हैं। उन्होंने कहा कि बाबा महाकाल सम्पूर्ण चराचर जगत को गतिमान रखने वाली नैसर्गिक ऊर्जा के केंद्र हैं। उनके आशीर्वाद से ही यह शहर आज देश की धार्मिक आस्था और परम्पराओं के संवाहक के रूप में प्रसिद्धि पाकर “द बेस्ट रिलीजिएस एण्ड स्पिरिचुअल डेस्टिनेशन” बन चुका है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन का यह गौरवशाली स्वरूप ऐसे ही नहीं बना। इसके पीछे एक लंबी कहानी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा श्री महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद से उज्जैन शहर की पहचान, आकर्षण और आस्था विश्वव्यापी हो गए हैं। अब यहां देश-विदेश से श्रद्धालु और पर्यटक बड़ी संख्या में आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को उज्जैन के होटल अंजुश्री में दूसरे ग्लोबल स्पिरिचुअल टूरिज्म कॉन्क्लेव ‘रूहMantic’ के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव और केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दीप प्रज्ज्वलन कर इस कॉन्क्लेव का विधिवत् शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव और केंद्रीय मंत्री श्री शेखावत ने उज्जैन में कॉन्क्लेव के दौरान फेथ एंड फ्लो पुस्तक का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन काल गणना की नगरी है। आज भारत का समय है और पूरी दुनिया भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है। पहले दुनिया के जो देश भारत से प्रतियोगिता कर रहे थे, आज वे सभी खुद को भारत के अनुगामी हैं। उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में भगवान श्रीकृष्ण ने अनेक कलाएं और विद्या ग्रहण कीं। आत्म चिंतन के लिए भारत से अच्छा दुनिया में कोई स्थान नहीं है। आज देश की सीमाएं हो सकती हैं, लेकिन धर्म और संस्कृति की कोई सीमा नहीं हैं। भारतीय संस्कृति ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान तक फैली हुई है। उज्जैन में एक हजार बीघा जमीन पर बाबा महाकाल का मंदिर बना हुआ है। हम विभिन्न स्वरूपों में ईश्वर की आराधना करते हैं। श्रीआनंदपुर धाम में निरंकारी भाव से गुरु महाराज की भक्ति की जा रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ईश्वर ने हमें प्रकृति के साथ मिलकर चलने की सीख दी है। भगवान की भक्ति के साथ शरीर की क्षमताओं का उपयोग करें। पर्यटन के साथ तीर्थाटन के माध्यम से जनकल्याण की कल्पना इस आयोजन के माध्यम से की गई है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत में आध्यात्मिक पर्यटन को गति प्रदान करने की दृष्टि दी है। देवी अहिल्या बाई ने काशी में बाबा विश्वनाथ का मंदिर बनाया।
उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने 2000 साल पहले मंदिर बनवाया था, जो बाबर के काल में गिरा दिया गया था। देश का पुराना संसद भवन मुरैना के मंदिर और नया भवन विदिशा के बीजापुर मंदिर के डिजाइन पर बना है, ये हमारे लिए गर्व की बात है। हमारे देवालय भी लोकतंत्र का आधार हो सकते हैं। उन्होंने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि इस कॉन्क्लेव में तिरुपति बालाजी ट्रस्ट, शिरडी साईंबाबा ट्रस्ट, काशी विश्वनाथ ट्रस्ट से भी प्रतिनिधि पधारे हैं। इनसे हमें मध्यप्रदेश को धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में और आगे ले जाने के लिए इन सभी के सुझाव और अनुभव भी प्राप्त होंगे।
उज्जैन की आध्यात्मिक धरोहर वैश्विक स्तर पर आध्यात्मिक पर्यटन को दे रही है नई दिशा-
केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि उज्जैन की आध्यात्मिक धरोहर न केवल भारत की सांस्कृतिक धारा को समृद्ध कर रही है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी आध्यात्मिक पर्यटन को नई दिशा दे रही है।
श्री शेखावत ने कहा कि भारत के पास दुनिया की सबसे प्रचीन परंपरा और विरासत है। देश में घरेलू पर्यटन बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। आज देश सांस्कृतिक पुर्नजागरण से गुजर रहा है। भारतवासियों का देश के प्रति नजरिया बदल गया है। नई पीढ़ियों के बच्चे अब दूसरे देशों में जाने की इच्छा नहीं रखते हैं। हमारे देशवासियों ने अपनी परंपरा और संस्कृति पर गर्व करना शुरू कर दिया है। भारत बहुत जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को महाकाल की सबसे ज्यादा सेवा का अवसर मिला है।
उज्जैन अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ तेजी से बढ़ रहा है आगे-
उज्जैन स्थित इस्कॉन मंदिर के आध्यात्मिक गुरु और प्रेरणादायक वक्ता धीर गौर दास प्रभु ने कहा, कि तीर्थस्थलों में नई जरूरतों के मुताबिक विकास कार्य कराने से ही पर्यटकों की संख्या बढ़ती है। उज्जैन इसका जीवंत उदाहरण है। दुनिया में कई शहर विशेष उद्देश्य से विकसित किए गए हैं।
मध्यप्रदेश में लगातार बढ़ रही है पर्यटकों की संख्या-
प्रमुख सचिव, संस्कृति एवं पर्यटन शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि कोविड काल के बाद मध्यप्रदेश में वर्ष 2023 में 11 करोड़, वर्ष 2024 में 13 करोड़ पर्यटक पहुंचे। प्रदेश में पर्यटन 20 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से विकास कर रहा है। प्रदेश के धार्मिक पर्यटन स्थलों में उज्जैन सबसे ऊपर है, जहां पिछले साल 7 करोड़ लोगों ने दर्शन किए। महाकाल लोक के निर्माण से पर्यटन को नई ऊंचाई मिली है। दूसरे स्थान पर मैहर और तीसरे स्थान पर अमरकंटक रहा है।
रूहmatic स्पिरिचुअल कॉन्क्लेव में संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ हुई राउंडटेबल कॉन्फ्रेंस
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आध्यात्मिक और वेलनेस क्षेत्र में कार्यरत प्रमुख संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ राउंडटेबल कॉन्फ्रेंस की। उज्जैन में रूहmatic स्पिरिचुअल कॉन्क्लेव के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी प्रतिनिधियों से प्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटन के प्रभाव और उपलब्धियों से अवगत कराया। प्रदेश की पर्यटन क्षेत्र में निवेश नीति के प्रमुख प्रावधानों और लाभ की विशेष चर्चा की।



