• Tue. Jul 22nd, 2025

    तुर्किये का पाकिस्तान प्रेम, व्यापार-पर्यटन का बायकॉट जरूरी!

    ByNews Desk

    May 15, 2025
    तुर्किये का विरोध
    Share

     

    – ऑपरेशन सिंदूर के बाद तुर्की को लेकर बढ़ी नाराजगी, व्यापारियों ने तुर्किये से सेब व अन्य आयात बंद किए

    – देशवासियों से स्वदेशी अपनाने की अपील तेज

    भारत और तुर्किये के बीच कूटनीतिक रिश्ते हाल के वर्षों में लगातार तनावपूर्ण होते जा रहे हैं। इसका ताजा कारण बना है ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किये द्वारा पाकिस्तान का खुला समर्थन और भारत के खिलाफ बयानबाजी। इस घटनाक्रम ने केवल राजनीतिक हलकों में ही नहीं, बल्कि आम जनता, व्यापार जगत और पर्यटन क्षेत्र में भी तीखी प्रतिक्रिया पैदा की है।

    तुर्किये से भारत को होने वाला आयात: एक नजर-
    तुर्किये भारत के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार रहा है। लेकिन वर्तमान घटनाओं के चलते स्थिति बदलती दिख रही है।

    प्रमुख आयातित वस्तुएं:

    – इलेक्ट्रॉनिक सामान (Beko, Vestel जैसे ब्रांड्स)

    – सिरेमिक टाइल्स व सैनिटरी उत्पाद (Kale Group)

    – फर्नीचर व सजावटी वस्तुएं

    – केमिकल्स और औद्योगिक रसायन

    – मशीनरी और स्पेयर पार्ट्स

    खाद्य उत्पाद-
    विशेष रूप से तुर्किये से आयात होने वाले सेब (Apple) हाल के दिनों में चर्चा का विषय बने हैं।

    तुर्की से सेब का आयात बंद-
    भारत में कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड जैसे राज्यों में सेब की खेती होती है। इसके बावजूद व्यापारी सस्ते तुर्किये सेब आयात कर रहे थे, जिससे देशी उत्पादकों को नुकसान हो रहा था।
    हाल ही में भारतीय व्यापारिक संगठनों ने तुर्की से सेब का आयात बंद करने का ऐलान किया है। इससे दो लाभ होंगे

    1. तुर्किये को आर्थिक संदेश मिलेगा।

    2. भारतीय किसानों को सीधा फायदा पहुंचेगा।

    पर्यटन क्षेत्र पर असर-
    तुर्किये भारतीय पर्यटकों के लिए बेहद लोकप्रिय रहा है।

    हर साल हजारों भारतीय इस्तांबुल, अंटाल्या, कप्पाडोसिया आदि जगहों पर जाते हैं, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद बड़ी संख्या में यात्राएं रद्द कर दी गईं।

    ट्रैवल एजेंसियों के अनुसार, तुर्की की बुकिंग्स में 40-60 प्रतिशत तक गिरावट आई है।

    तुर्किये का पाकिस्तान प्रेम: चिंता की वजह

    तुर्किये ने पाकिस्तान को ड्रोन, हथियार और खुफिया तकनीक मुहैया कराई है।

    यूनाइटेड नेशंस और OIC जैसे मंचों पर तुर्किये बार-बार कश्मीर मुद्दे पर भारत विरोधी बयान देता रहा है।

    व्यापारिक संगठनों और देशवासियों की अपील: अब वक्त है स्वदेशी अपनाने का

    1. CAIT (कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स) और अन्य संगठनों ने तुर्की के उत्पादों के बहिष्कार की अपील की है।

    2. देश के कई कोरपोरेट्स और लोकल व्यापारी ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को फिर से ज़ोर देने लगे हैं।

    3. आम जनता से आह्वान किया जा रहा है कि विदेशी सामान के बजाय भारतीय ब्रांड्स का समर्थन करें।

    कुछ स्वदेशी विकल्प:

    Beko, Vestel जैसी विदेशी कंपनियों की जगह – LG (भारत यूनिट), Godrej Appliances

    Kale टाइल्स के बजाय- Kajaria, Somany, Asian Granito

    तुर्किये सेब की जगह- कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड से उत्पादित सेब।

    फर्नीचर के लिए- Godrej Interio, Urban Ladder, Pepperfry (Made in India)

    सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं और हैशटैग कैंपेन:
    #BoycottTurkey
    #SupportIndianProducts
    #SayNoToTurkey
    इन हैशटैग्स के साथ लाखों लोग तुर्किये से दूरी बनाने और स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने की मांग कर रहे हैं।

    दुनिया के बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों में अब केवल व्यापार और पर्यटन ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सम्मान और सुरक्षा भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। तुर्किये द्वारा पाकिस्तान को समर्थन देने से भारतीय जनमानस में नाराजगी गहराई है।

    अब यह ज़रूरी हो गया है कि भारत के लोग जागरूक होकर निर्णय लें- विदेशी आकर्षण के बजाय स्वदेशी उत्थान की दिशा में कदम बढ़ाएं। यही सच्ची देशभक्ति होगी।