किसानों से कलेक्टर ने नरवाई न जलाने का किया आग्रह
देवास। नरवाई (पराली) फसल अवशेष में आग लगाने से मृदा स्वास्थ्य व मृदा उत्पादकता खतरे में है। पराली में आग लगाने से मृदा के तापमान में वृद्धि होती है, जिससे लाभदायक सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं, जो कि मृदा जैव विविधता के लिए एक गंभीर चुनौती है।
फसल के अवशेष जलने पर भारी मात्रा में मीथेन, कार्बन डाई आक्साइड, सल्फर डाई आक्साइड इत्यादि विषैली गैसों के उत्सर्जन से वायु की गुणवत्ता भी खराब होती है तथा पर्यावरण दूषित होता है। जिले में नरवाई में आग लगाने की घटनाओं को रोकने के लिए फसल अवशेष में आग लगाना प्रतिबंधित कर दण्ड अधिरोपित करने का प्रावधान किया गया है।
कलेक्टर ऋतुराज सिंह ने जिले के किसान भाईयों से अपील की है कि नरवाई में आग ना लगाए, यदि किसान भाई नरवाई में आग लगाएंगे उन पर अर्थदंड की कार्रवाई की जाएगी।
उपसंचालक कृषि ने बताया कि जिले में नरवाई जलाने वालों को चिन्हित कर अभी तक उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत 9 प्रकरण दर्ज किए जाकर लगभग 2 लाख 5 हजार का जुर्माना लगया गया है, जिसमें टोंकखुर्द विकासखण्ड में 3 एफआईआर दर्ज होकर 60000 रुपए का जुर्माना, देवास में 4 एफआईआर होकर 67500 रुपए का अर्थदण्ड, बागली में 2 एफआईआर होकर 15000 रुपए का अर्थदण्ड, खातेगांव विकासखण्ड में 12500 रुपए का अर्थदण्ड, कन्नौद में 32500 रुपए तथा सोनकच्छ विकासखण्ड में 17500 रुपए का अर्थदण्ड लगाया गया।
उपसंचालक कृषि ने बताया कि जिले में नरवाई जलाने की घटनाओं की रोकथाम हेतु राजस्व एवं कृषि विभाग द्वारा लगातार पंचायत स्तर पर मॉनिटरिंग की जा रही है। क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारियों द्वारा किसानों को प्रचार-प्रसार के माध्यम से फसल अवशेष में आग न लगाने के लिए जागरुक किया जा रहा है एवं नरवाई जलाने की घटना मिलने पर संबंधित पर प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जा रही है।
दण्ड प्रावधान
फसल कटाई के बाद बचे फसल अवशेषों में आग लगाने (नरवाई जलाने) से पर्यावरण को हो रहे नुकसान के संबंध में कृषक वर्गों में जागरुकता बढ़ाने हेतु नरवाई जलाने वालों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किए जाने एवं निर्देशों का उल्लंघन करने पर आर्थिक दण्ड के रूप में पर्यावरण क्षतिपूर्ति राशि देय का प्रावधान है।
इसके अंतर्गत दो एकड से कम धारित भूमि के कृषक पर रुपए 2500 रुपए, दो एकड़ से अधिक 5 एकड़ से कम धारित भूमि के कृषक पर रुपए 5000 रुपए, पांच एकड़ से अधिक धारित भूमि के कृषक पर रुपए 15000 रुपए का अर्थदंड लगाया जा रहा है मृदा एवं पर्यावरण पर नरवाई जलाने के प्रतिकूल प्रभावों को दृष्टिगत रखते हुए फसल अवशेष प्रबंधन अति आवश्यक है। किसानभाई अपनी सूझबूझ एवं थोड़ी सी मेहनत से मृदा एवं पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए आर्थिक लाभ भी ले सकते हैं।