– जिले के किसानों से आग्रह किया, फसल कटाई के बाद नरवाई न जलाएं
देवास। कलेक्टर ऋतुराज सिंह ने शनिवार को नरवाई प्रबंधन के जागरुकता रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। यह रथ श्रव्य साधन तथा नरवाई प्रबंधन से होने वाले नुकसान तथा उचित नरवाई प्रबंधन की तकनीकि के बैनर से सुसज्जित हैं।
नरवाई उचित प्रबंधन रथ जिले के समस्त विकासखंडों की ग्राम पंचायतों में जाकर प्रचार-प्रसार करेगा तथा लोगों को नरवाई नहीं जलाने के लिए प्रेरित करेगा।
कलेक्टर श्री सिंह ने जिले के किसानों से आग्रह किया है कि वे नरवाई नहीं जलाएं। इस अवसर पर उपसंचालक कृषि गोपेश पाठक, मप्र शासन से सम्मानित ग्राम छोटी चुरलाई के युवा कृषक धर्मेंद्रसिंह राजपूत, प्रगतिशील किसान जगदीश नागर सहित अन्य संबंधित उपस्थित थे।
उपसंचालक कृषि उपसंचालक ने बताया कि नरवाई जलाने से वायु प्रदूषण के साथ-साथ मिट्टी में मौजूद सूक्ष्म जीवी केचुंआ आदि मर जाते हैं। साथ ही मृदा का कार्बनिक पदार्थ भी नष्ट हो जाता है, जिससे खेत की उपजाऊ क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
नरवाई न जलाएं-
युवा कृषक धर्मेंद्रसिंह राजपूत ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, कि हम किसानों की जिम्मेदारी है कि हम पर्यावरण की रक्षा करते हुए आधुनिक और टिकाऊ खेती की दिशा में आगे बढ़ें। नरवाई जलाने से सिर्फ हमारी मिट्टी की उर्वरकता ही नहीं घटती, बल्कि इससे वायु प्रदूषण भी फैलता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
मैं सभी किसान भाइयों से आग्रह करता हूं कि वे नरवाई न जलाएं, बल्कि सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई तकनीकों जैसे स्ट्रॉरीपर, मल्चर और सुपर सीडर का उपयोग करें।