इंदौर। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार प्रदेश के किसानों के हित में निरंतर कार्य कर रही है। इसके अंतर्गत मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा 29 मार्च 2025 को जारी विद्युत दरों के अनुसार क्रमश: 3 हॉर्स पॉवर, 5 हॉर्स पॉवर एवं 10 हॉर्स पावर के पंप पर कृषि उपभोक्ताओं को पूरे वर्ष में 30,730 रूपये, 54,671 रूपये एवं 1,15,655 रूपये का देयक बनता है। इसमें राज्य् शासन द्वारा कृषि पंपो पर की गई सब्सिडी की घोषणा अनुसार किसानों को मात्र 750 रूपये प्रति हॉर्स पॉवर प्रति वर्ष अर्थात किसानों को 3 हार्स पॉवर पंप पर 2250 रूपये, 5 हार्स पॉवर के पंप पर 3750 रूपये एवं 10 हार्स पॉवर के पंप पर 7500 रूपये का ही भुगतान करना होगा।
37 लाख कृषि उपभोक्ताओं को मिल रहा है सब्सिडी का लाभ-
श्री तोमर ने बताया कि सरकार द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार कृषि उपभोक्तााओं को विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दरों पर सब्सिडी स्वीकृत की गई है। इसके अनुसार उपभोक्ताॉ द्वारा दी जाने वाली राशि (रू. 750 प्रति हॉर्स पॉवर) एवं आयोग द्वारा जारी दरों का अंतर सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। उपरोक्तानुसार सब्सिडी देने पर शासन प्रत्येक 3 हॉर्स पावर पम्प के लिये कुल राशि 28,480 रूपये, 5 हॉर्स पावर पम्पे के लिये कुल राशि 50,921 रूपये और 10 हॉर्स पॉवर पम्प के लिये कुल राशि 1,08,155 रूपये का भुगतान सब्सिडी के रूप में वहन करेगी। इस घोषणा से कृषि उपभोक्ताओं को नियामक आयोग द्वारा जारी दरों की मात्र लगभग 7 प्रतिशत राशि ही जमा करनी होगी। शेष 93 प्रतिशत राशि सरकार सब्सिडी के रूप में वहन करेगी। प्रदेश में लगभग 37 लाख कृषि उपभोक्ता हैं जो सब्सिडी का लाभ प्राप्त् कर रहे हैं।
एक करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं को मिल रहा अटल गृह ज्योति योजना का लाभ-
राज्य शासन द्वारा वित्तीय वर्ष के दौरान कृषि श्रेणी के उपभोक्ताओं के अलावा 150 यूनिट प्रति माह तक मासिक खपत वाले घरेलू उपभोक्तािओं को प्रथम 100 यूनिट पर मात्र 100 रूपये का ही भुगतान करना होता है जबकि 100 यूनिट खपत पर शहर के प्रत्येक घरेलू उपभोक्ताओं के लिये सरकार सब्सिडी के रूप में लगभग 566 रूपये का भुगतान करेगी। इस प्रकार के घरेलू उपभोक्ता जिनको सरकार सब्सिडी प्रदान कर रही है, उनकी संख्या पूरे प्रदेश में लगभग एक करोड़ 7 लाख है।
इस प्रकार विगत वित्तीय वर्ष में सरकार द्वारा लगभग 23,695 करोड़ रूपये एवं पूर्व के वर्ष के 3067 करोड़ रूपये मिलाकर कुल 26,762 करोड़ रूपये सब्सिडी के रूप में वहन किये गये हैं। इसी तरह सरकार द्वारा अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिये भी लगभग इतनी ही राशि बतौर सब्सिडी वहन की जायेगी।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिये जारी टैरिफ आदेश के मुख्य बिंदु- electricity
• विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा मांगी गई 7.52 प्रतिशत वृद्धि के विरुद्ध मात्र 3.46 प्रतिशत की औसत दर से वृद्धि की गई है।
• विगत वर्षों की भांति उपभोक्तािओं को मीटर रेंट अथवा मीटरिंग चार्ज नहीं लगेंगे।
• घरेलू उपभोक्ताओं के 100 यूनिट तक के बिल पर 24 रुपये तक बढ़ाये गये हैं, परंतु इन उपभोक्ताओं को अटल गृह ज्योति योजना के तहत पहले की तरह मात्र 100 रुपये का ही भुगतान करना होगा। बढ़ी हुई राशि राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में भुगतान की जायेगी।
• गैर घरेलू उपभोक्ताओं को छोड़कर अन्य सभी निम्न-दाब उपभोक्ता श्रेणी की न्यूनतम दर बिलिंग (टैरिफ मिनिमम बिलिंग) विगत वर्षों में समाप्त की जा चुकी है। वित्तीय वर्ष 2025-26 से निम्न-दाब गैर घरेलू उपभोक्ताओं एवं उच्चदाब सीज़नल उपभोक्ता श्रेणी की न्यूनतम दर बिलिंग भी समाप्त।
• 10 किलोवॉट से कम भार वाले उपभोक्ता जो स्मार्ट मीटर लगवाते हैं, उनको सोलर घंटों (प्रात: 9:00 से सांय 5:00 बजे तक) की खपत पर ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत की भारी छूट मिलेगी। इनको शीर्ष घंटे में भी कोई अधिभार नहीं रहेगा।
• विगत वर्ष के दर आदेश के अनुसार लागू सभी छूट (T.O.D. के अलावा) यथावत लागू रखी गयी हैं।
• 10 किलोवाट से अधिक भार वाले निम्न दाब श्रेणी के घरेलू एवं सामान्य जल प्रदाय एवं सड़क बत्ती एवं एच.वी.-6 श्रेणी के उपभोक्ताओं को टी.ओ.डी. (टाइम ऑफ डे) टैरिफ के अंतर्गत लाया गया।
• उच्च दाब उपभोक्ताओं को रात्रिकालीन उपभोग पर छूट आंशिक संशोधन के साथ यथावत रहेगी। ऊर्जा प्रभार में माह जून से सितम्बर तक 10 प्रतिशत एवं शेष माहों में 7.50 प्रतिशत की छूट का प्रावधान होगा।
• उच्च दाब/अति उच्च दाब उपभोक्ताओं को छूट/प्रोत्साहन की व्यवस्था जारी रहेगी।
• प्रीपेड उपभोक्ताओं को छूट / प्रोत्साहन की व्यवस्था जारी रहेगी।
• शीघ्र / ऑनलाईन भुगतान के लिए छूट / प्रोत्साहन की व्यवस्था जारी रहेगी।
• पावर फैक्टर / लोड फैक्टर प्रोत्साहन की व्यवस्था जारी रहेगी।
• हरित ऊर्जा को प्रोत्साहन- प्रमाणीकरण के लिये हरित ऊर्जा टैरिफ में कमी।
• विद्युत वितरण कंपनियों के लिए शोध एवं विकास फंड की व्यवस्था- इससे तकनीकी हस्तक्षेप, संचालन दक्षता में सुधार एवं लागत में बचत का अध्ययन हो सकेगा।
• वितरण कंपनियों को उपभोक्ता सेवाओं में बेहतरी के निर्देश- उपभोक्ता सेवा में खामी पर क्षतिपूर्ति का भुगतान होगा।
• सम्पूर्ण टैरिफ आदेश आयोग की वेबसाइट www.mperc.in पर उपलब्ध है।