लोहारदा (दिनेशचंद्र पंचोली)। मालाखड़ सरकार हनुमान मंदिर में संत श्यामानंद पुरी महाराज के सानिध्य में महाशिवपुराण कथा का आयोजन भक्तिमय वातावरण में जारी है। कथा के पांचवे दिवस भागवताचार्य पं. दिलीप शर्मा मुहाईजागीर ने अपने ओजस्वी वाणी में भक्तों को भगवान गणेश एवं कार्तिकेय की पावन कथा सुनाई। कथा में उपस्थित श्रद्धालु भक्ति रस में डूबे नजर आए।
भगवान गणेश प्रथम पूज्य देव, हर कार्य के सिद्धिदाता-
प्रवचन में पं. शर्मा ने कहा, कि भगवान गणेश सभी देवताओं में प्रथम पूज्य हैं। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणपति वंदना के बिना अधूरी मानी जाती है। जब भी कोई कार्य शुरू करें, तो पहले गणेशजी का पूजन अवश्य करें, इससे कार्य निर्विघ्न संपन्न होते हैं और जीवन में शुभता का संचार होता है।
उन्होंने कहा, कि सद्कर्म ही जीवन का असली आधार है। मनुष्य को हमेशा सत्य, धर्म और सेवा के मार्ग पर चलना चाहिए। दूसरों को धोखा देना, किसी का अहित करना पाप का कारण बनता है, जबकि संत-महापुरुषों की सेवा, गौ और ब्राह्मण सेवा, भूखे को भोजन कराना यह सब कार्य ईश्वर के निकट जाने का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
प्रातः स्नान और सूर्य अर्घ्य से बढ़ती है बुद्धि व आयु-
पं. शर्मा ने जीवन को दिव्यता से जोड़ते हुए कहा, कि प्रतिदिन सूर्योदय के समय स्नान कर भगवान सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इससे न केवल बुद्धि प्रखर होती है, बल्कि शरीर में तेज और ऊर्जा का संचार होता है। जो व्यक्ति नित्य प्रातः सूर्य अर्घ्य देता है, वह स्वस्थ रहता है और दीर्घायु प्राप्त करता है।
शिव भक्ति ही मोक्ष का मार्ग-
उन्होंने कहा, कि भगवान शिव की आराधना से सभी दोष समाप्त हो जाते हैं। शिव संहारक और सृजनकर्ता दोनों हैं। जो सच्चे मन से भगवान शिव का स्मरण करता है, उसके सारे कष्ट समाप्त हो जाते हैं।
यह है मानव जीवन का सार-
पं. शर्मा ने कहा, कि नारी का सम्मान करना, सभी से मधुर व्यवहार रखना और निरंतर भगवान का भजन करना ही सच्चे जीवन का सार है। यदि मनुष्य इन तीन बातों को अपने जीवन में उतार ले, तो वह न केवल समाज में सम्मान प्राप्त करता है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति भी करता है।
महाशिवपुराण कथा के दौरान संगीतमय भजनों और शिव महिमा के गुणगान से पूरा वातावरण शिवमय हो गया।
विधायक आशीष शर्मा ने लिया आशीर्वाद-
कथा में पहुंचे खातेगांव विधायक आशीष शर्मा ने कथा व्यासपीठ का पूजन कर आशीर्वाद लिया और धर्म व भक्ति का महत्व बताते हुए कहा, कि भगवान शिव केवल भक्ति से प्रसन्न होते हैं, उनके लिए किसी प्रकार का दिखावा आवश्यक नहीं। अगर हम अपने जीवन में शिवत्व को आत्मसात कर लें, तो कोई भी संकट हमें स्पर्श नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, कि धर्म हमें सत्कर्म और परोपकार का मार्ग दिखाता है। आध्यात्मिक ग्रंथों से मिली शिक्षाओं को जीवन में अपनाना ही असली भक्ति है।
इस कथा महोत्सव में मंडल अध्यक्ष ललित गुर्जर, नारायण समाधिया, विजय जारवाल, राजू वत्स, गोपाल जारवाल, हेमंत सीरा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। सभी ने कथा का श्रवण कर धर्म और शिव भक्ति का आशीर्वाद प्राप्त किया।