आरडीएसएस के तहत पश्चिम क्षेत्र कंपनी ने 734 ग्रिडों पर केपिसिटर बैंक का कार्य सौ फीसदी पूर्ण किया

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Indore news

– रबी सिंचाई के लिए किसानों की मदद करते हुए बिजली ज्यादा गुणवत्ता से प्रदाय

इंदौर। मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्य़ुत वितरण कंपनी ने रिवेम्प्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत मप्र में सबसे ज्यादा केपिसिटर बैंक स्थापित किए हैं। कंपनी ने सबसे ज्यादा 734 कैपिसिटर बैंक 33/11 केवी के ग्रिडों पर स्थापित किए हैं। 114 करोड़ के इन ग्रिडों से किसानों को रबी सीजन में पहले की तुलना में ज्यादा गुणवत्ता से सिंचाई के लिए बिजली मिली है। प्रदेश के ऊर्जामंत्री प्रद्युम्नसिंह तोमर ने कहा कि आरडीएसएस के कार्यों को समय पर पूरा करने से लाखों उपभोक्ताओं को फायदा मिल रहा है।

मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की प्रबंध निदेशक रजनी सिंह ने बताया कि 734 केपिसिटर बैंक में सबसे ज्यादा केपिसिटर बैंक इंदौर एवं उज्जैन जिलों में लगाए गए हैं। इनकी संख्या 102 एवं 110 हैं। शाजापुर में 82, देवास में 77, खरगोन में 60, धार में 53, मंदसौर में 46, खंडवा में 38, नीमच में 36, आगर में 33, रतलाम में 28, बड़वानी और झाबुआ में 27, बुरहानपुर में 15 स्थानों के 33/11 केवी ग्रिडों पर अत्याधुनित तरीके से केपिसिटर बैंक स्थापित किए गए हैं।

प्रबंध निदेशक सुश्री सिंह ने बताया, कि बताया कि एक ओर जहां ग्रिडों पर केपिसिटर बैंक लगने से संबंधित फीडर के दूरस्थ किसानों को गुणवत्ता के साथ बिजली उनके खेत, नलकूप, कुएं तक मिल रही है। इससे जहां मोटर पंप उच्च क्षमता के साथ चलकर भरपूर पानी दे रहे हैं, वहीं गुणवत्ता के साथ बिजली अंतिम छोर तक मिलने से मोटर पंप खराब होने की नौबत नहीं आ रही है। वहीं वोल्टेज सही मिलने से कुल बिजली खपत संतुलित हो रही है। ऐसे में ग्रिडों पर अतिरिक्त बिजली खपत की नौबत नहीं आ रही रिएक्टिव पावर की स्थित बढ़ने से लोड खपत बढ़ने से निजात मिल सकी है। इससे कंपनी की हानि में अपेक्षाकृत कमी आएगी।

सुश्री सिंह ने बताया कि आरडीएसएस का देश का पहला 33/11 केवी ग्रिड इंदौर जिले के ईमलीखेड़ा में तैयार हुआ था, वहीं इस योजना के तहत प्रदेश में अब तक सबसे ज्यादा ग्रिड भी 55 स्थानों पर मालवा निमाड़ में ही तैयार हुए हैं।

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