तपोभूमि देवबड़ला का आयुक्त पुरातत्व ने किया निरीक्षण

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– सुरक्षा की दृष्टि से गेट का निर्माण किया जाएगा, ताकि खुदाई में प्राप्त हुई प्रतिमाएं सुरक्षित रहे

देवास/सीहोर (विजेंद्रसिंह ठाकुर)। मां नेवज नदी के उद्गम स्थल व पुरातात्विक धरोहर देवांचल धाम देवबड़ला बिलपान में पुरातत्व विभाग द्वारा दो मंदिरों का जीर्णोद्धार पूर्ण हो चुका है।

मंदिर समिति के अध्यक्ष ओंकारसिंह भगतजी ने बताया पुरातत्व विभाग लगातार अपना काम कर रहा है। चल रहे कार्यों का निरीक्षण करने व आगे की कार्य योजना के लिए आयुक्त पुरातत्व उर्मिला शुक्ला ने निरीक्षण कर ऋषि-मुनियों की तपोभूमि देवबड़ला के बारे में चर्चा कर पहले की जानकारी प्राप्त की व आगे कार्य होने वाले कार्य से सभी को अवगत कराया।

देवबड़ला बिलपान
श्रीमती शुक्ला ने पुरातत्व अधिकारी डॉ. रमेश यादव को देवबड़ला की संपूर्ण कार्य योजना तैयार करने के दिशानिर्देश दिए। जल्द ही यहां का संपूर्ण विकास किया जाएगा। आयुक्त पुरातत्व श्रीमती शुक्ला ने देवबड़ला स्मारक इंचार्ज विजेन्द्रसिंह भाटी से चर्चा करते हुए कहा जल्द ही खुदाई में निकले हुए चौथे मंदिर का डीपीआर तैयार कर मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य आरंभ किया जाएगा। खुदाई में निकले हुए 15 मंदिरों में से चौथा मंदिर सबसे बड़ा मंदिर है यह मंदिर महादेव का है। पहले इस मंदिर को तैयार किया जाएगा। खुदाई में मिली हुई प्रतिमा बहुत ही दुर्लभ है। यहां पर ऐसी प्रतिमाएं हैं, जो संपूर्ण भारत में कहीं पर नहीं है। देवबड़ला हमारी महत्वपूर्ण धरोहर है। विभाग द्वारा जल्द ही यहां पर सुरक्षा की दृष्टि से गेट का निर्माण किया जाएगा, ताकि खुदाई में प्राप्त हुई प्रतिमाएं सुरक्षित रहे। खुदाई में प्राप्त हुआ हर एक अवशेष बहुत ही महत्वपूर्ण व अनमोल है।

24 घंटे वाली बिजली के लिए भी विभाग द्वारा कार्य योजना तैयार की गई है। बहुत जल्द ही यहां पर 24 घंटे वाली बिजली चालू होगी।

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