धर्म-अध्यात्म

परमात्मा की याद में जो आते हैं वह आंसू, बाकी सब पानी- संत कमलकिशोर नागर

  • देवास जिले के बेहरी में श्रीमद भागवत कथा श्रवण के लिए झाबुआ, मेघनगर सहित अन्य जिलों से भी आए श्रद्धालु

बेहरी हीरालाल गोस्वामी। प्रेम में, भक्ति में, भजन में, उसकी याद में जो आंसू आते हैं, वाे आंसू नहीं होते। परमात्मा की याद में जो आए वो ही आंसू है, बाकी तो सब पानी है। जो आेरों के लिए बहे वह पानी ही है। जो गिरधर की नजर में आता है वह आंसू से भी ऊपर होता है। उसकी याद में, विरह वेदना में जब नाम की रटन चलती हो और इधर से आंसू की धार चलती हो, तब दोनों एक साथ वेग पर आ जाए तो मोती हो जाता है।

यह विचार मालवा के संत पं. कमलकिशोर नागर ने बेहरी में श्रीमद भागवत कथा में प्रवचन के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि विरह की वेदना में सदैव बेचैन रहना गोपी भाव है। भक्त जब आंसू बहाता है तो वह पोछता नहीं है। कभी यह भी अनुभव करना शायद उसके हाथ मेरे आंसू तक आ जाएं। संतश्री ने कहा, कि मीरा-राधा से पूछा गया कि तुम्हारी आंखें भरी रहती है। तब उनका जवाब था हमें तो आदत पड़ गई है। जब आंसू गिरते हैं तब गिरधर पीले पीतांबर से स्वयं पोछता है। जब वो हाथ मेरी आंखों के पास आते हैं तब बहुत आनंद आता है।

संतश्री ने कहा गुरु परीक्षा में उस समय कृपा करता है जब शिष्य को कुछ कम नंबर आते हैं। वह अपनी ओर से कृपांक 5 नंबर दे देता है और शिष्य को आगे की कक्षा में पहुंचा देता है। इसी प्रकार एक अधिकारी शिष्य को सद्गुरु देखता है कि इसकी ब्रह्म जिज्ञासा है और यह बहुत आतुर है, पर कुछ कर नहीं पा रहा है, फिर अपनी तपस्या में से कृपांक देकर उसे भवसागर से किनारे की ओ ले जाता है।

सांसद ज्ञानेंद्र पाटिल, विधायक मुरली भंवरा, भाजपा जिला अध्यक्ष राजीव खंडेलवाल, युवा मंडल अध्यक्ष राम सोनी, एडवोकेट बसंतीलाल मोदी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। झाबुआ, मेघनगर सहित अन्य स्थानों से भी संतश्री के अनुयायी कथा श्रवण के लिए आए।

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