भोपाल। भारत को दुग्ध उत्पादन में सर्वोच्च स्थान दिलाने में मध्यप्रदेश का भी अति महत्वपूर्ण योगदान है। कुल 17 हजार 999 मीट्रिक टन के साथ प्रदेश का दुग्ध उत्पादन में देश में तीसरा स्थान है। प्रदेश में प्रतिदिन प्रति व्यक्ति दुग्ध उपलब्धता 591 ग्राम प्रतिदिन है। यह उपलब्धता राष्ट्रीय औसत प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 444 ग्राम से 147 ग्राम अधिक है।
मध्यप्रदेश में दुग्ध उत्पादन में लगातार बढ़ोत्तरी पशुपालन विभाग द्वारा पशु स्वास्थ्य, सुरक्षा और विभिन्न रोजगार मूलक योजनाओं के कारगर क्रियान्वयन के परिणाम स्वरूप हुई है। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के प्रथम चरण में 25 लाख 63 हजार और द्वितीय चरण में 208 लाख गौ-भैंस वंशीय पशुओं का टीकाकरण किया गया, जो देश में सर्वाधिक है। गौ-भैंस वंशीय पशु बछिया/पड़िया में 13 लाख 89 हजार ब्रुसेल्ला टीकाकरण में भी प्रदेश, देश में प्रथम है। देश में सबसे अधिक 3 लाख 77 हजार पशु पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड स्वीकृत करने वाला राज्य भी मध्यप्रदेश है।
प्रदेश में अब तक 36 लाख 47 हजार 482 पशुओं का लम्पी के विरूद्ध टीकाकरण किया जा चुका है। यही वजह रही कि पड़ोसी राज्यों में लम्पी की वर्ष 2022 में विभत्सता के बावजूद सतर्कता के चलते मध्यप्रदेश में 29 हजार 413 पशु प्रभावित हुए। इनमें से 27 हजार 726 पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार हुआ। वर्तमान में प्रदेश में भोपाल, रीवा और सीहोर जिले में लम्पी के लगभग 80 एक्टिव केसेस हैं। युद्ध स्तर पर किए जा रहे प्रयासों के फलस्वरूप इन पर भी शीघ्र ही नियंत्रण पा लिया जाएगा।
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