Delhi: विधायकों और मंत्रियों की हुई बल्ले-बल्ले, वेतन में हुआ बड़ा इजाफा, अब इतनी मिलेगी सैलरी

Posted by

Share

[ad_1]

kejriwal

ANI

मुख्यमंत्री, मंत्री, स्पीकर और विपक्ष के नेता को मिलने वाली सैलरी में से 70000 रुपये उन्हें पहले ही मिल जाएंगी। 4 जुलाई 2022 को स्कूल लेकर 5 प्रस्ताव पारित किए गए थे। विधायकों की बेसिक सैलरी में भी बढ़ोतरी हुई है।

दिल्ली में विधायकों और मंत्रियों की सैलरी में जबरदस्त बढ़ोतरी की गई है। अब दिल्ली के विधायकों को हर महीने 90000 रुपये के तनख्वाह मिलेंगे। पहले उन्हें 54000 रुपये मिलते थे। मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों की बात करें तो उनकी भी सैलरी में भारी वृद्धि दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री को अब 1.70 लाख रुपए प्रति महीने मिलेंगे। इसका मतलब साफ है कि मुख्यमंत्री और मंत्रियों के वेतन में 136% की बढ़ोतरी की गई है। पहले मुख्यमंत्री, मंत्री और स्पीकर तथा विपक्ष के नेता को 72000 रुपये मिलते थे। दिल्ली में 12 सालों के बाद विधायकों और मंत्रियों की सैलरी बढ़ी है। 14 फरवरी 2023 से विधायकों को 90000 रुपये की सैलरी दी जाएगी। 

मुख्यमंत्री, मंत्री, स्पीकर और विपक्ष के नेता को मिलने वाली सैलरी में से 70000 रुपये उन्हें पहले ही मिल जाएंगी। 4 जुलाई 2022 को स्कूल लेकर 5 प्रस्ताव पारित किए गए थे। विधायकों की बेसिक सैलरी में भी बढ़ोतरी हुई है। पहले यह 12000 रुपये थे लेकिन आपके 30000 रुपये हो गए हैं। डीए को बढ़ाकर 1000 के जगह 1500 रुपये कर दिया गया है। नए प्रस्ताव के मुताबिक विधायकों को तमाम भत्तों समेत 90000 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। विधायकों को 18000 रुपये निर्वाचन क्षेत्र भत्ता मिलता है जो अब 25000 रुपये हो गया है। वाहन भत्ता को 6000 से बढ़ाकर 10000 रुपये कर दिया गया है। 

इसके अलावा तमाम सुविधाओं को लेकर भी उसकी राशि में वृद्धि की गई है। प्रस्ताव को पहले ही राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था अब राष्ट्रपति से इसे मंजूरी मिल गई है। जिसके बाद यह दिल्ली में लागू हो रहा है। भारत में विधायकों की सैलरी की बात करें तो यह सबसे ज्यादा तेलंगाना में है। तेलंगाना में एक विधायक को हर महीने 2.5 लाख रुपए मिलते हैं। हालांकि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने 2015 में विधायकों की सैलरी बढ़ाने का एक प्रस्ताव पेश किया था। इसमें विधायकों की सैलरी 54000 से बढ़ाकर 2.10 लाख रुपए महीने करने का प्रस्ताव था। हालांकि, दिल्ली सरकार के इस प्रस्ताव को केंद्र की ओर से मंजूरी नहीं दी गई। 

अन्य न्यूज़



[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *